नगरपालिका के ऑफिस में चोरी का खामियाजा भुगतेंगे गरीब दुकानदार, चलती हुई दुकानें हो रही हैं ज़मीदोज़, <br>दुकानदारों के परिवारों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट | New India Times

इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:

नगरपालिका के ऑफिस में चोरी का खामियाजा भुगतेंगे गरीब दुकानदार, चलती हुई दुकानें हो रही हैं ज़मीदोज़, <br>दुकानदारों के परिवारों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट | New India Times

दमोह नगरपालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर मुहिम जारी है लेकिन इसी मुहिम के चलते कभी कभी वो लोग भी चपेट में आ जाते हैं जिनके परिवारों के पेट सिर्फ और सिर्फ छोटे तपरों से ही चलते हैं वो अवैध नहीं बल्कि वैद्य रूप से नगरपालिका द्वारा वर्षों पहले जो जगह अलाट की गई हो बाद में उनसे किराया ना लेकर उन्हें अवैध अतिक्रमणकारी बताकर हटाने की कार्यवाही की जाने लगी और ये सब हुआ है किसी एक कि गलती के कारण.  दरअसल दमोह के बाल विनोद स्कूल के पास बने नगरपालिका के बिजली विभाग के ऑफिस में अम्बर परिहार नाम के युवक ने चोरी की जिसके पिता राजेश परिहार की दुकान उसी काम्प्लेक्स में है लेकिन एक दुकानदार की गलती का खामियाजा अब वहाँ के सारे दुकानदारों को उठाना पड़ रहा है. आपको बता दें कि यहाँ पर जिन दुकानों को हटाने का एक घंटे का समय दिया गया था वे सारी दुकानें गरीब लोगों की हैं जो दो वक्त की रोजी रोटी का इंतज़ाम इसी दुकान से करते हैं। जबकि नगरपालिका ने खुद इन दुकानदारों को 6 बाई 8 के प्लॉट  दुकान लगाने के लिए दिए थे जिसका किराया भी फिक्स था लेकिन सरकारें आती गईं जाती गईं अब इसी बीच में पहले तो नगरपालिका ने इन 27 दुकानदारों से किराया लेना बंद किया और अब जब कोई बहाना ना मिला तो एक चोरी की घटना की आड़ लेकर नगरपालिका का अतिक्रमण दल बल के साथ चलती हुई दुकानों को बिना नोटिस दिए पहुंच गए दुकान हटाने। जबकि दुकानदारों का साफ कहना है कि हमारे पास सारे दस्तावेज हैं कि यहां नगरपालिका ने ही उन्हें यह जगह दी थी लेकिन आज हम कैसे अतिक्रमणकारी हो गए?

नगरपालिका के ऑफिस में चोरी का खामियाजा भुगतेंगे गरीब दुकानदार, चलती हुई दुकानें हो रही हैं ज़मीदोज़, <br>दुकानदारों के परिवारों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट | New India Times

इन दुकानदारों के कागज़ात साफ साफ बयॉं कर रहे हैं कि ये सब वैद्य दुकानदार हैं लेकिन जिस नगरपालिका ने इन्हें ये कागज़ात और जगह दी थी अब वही नगरपालिका अपने ही कागजात को पहचानने से साफ इनकार कर रही है. जब हमने अतिक्रमण दल के प्रभार परिहार से बात की तो कैमरे के सामने जनाब की पहले जुबान नहीं खुली इशारे से बोलने से इंकार करते नज़र आये लेकिन जब सवाल दोहराया तो जनाब ने बड़े संभालते संभालते बोला कि राजस्व में चेक कर रहे हैं कि ये दुकान वैद्य या अवैध हैं, सीएमओ साहब जैसा आदेश देंगे कार्यवाही करेंगे। सवालों का सिलसिला यहीं नही थमा इसी बारे में जब नगरपालिका सीएमओ से बात की तो उनकी दलील कुछ थी साथ में दुकानदारों के जब जिला कॉंग्रेस अध्यक्ष मनु मिश्रा भी पहुंचे तब उन्होंने इन दुकानों को चोरों का अड्डा ही कह दिया साथ में ये भी कहा कि दुकानें तो टूटेगी जब तक लीज पर दी गई थी समय बीत गया अब नगरपालिका की जगह खाली कराएंगे और जब भी नगरपालिका की व्यापारिक योजना आएगी तो जिन दुकानदारों के पास नगरपालिका के वैद्य कागजात होंगे उन्हें दुकानें दी जायेंगी वे निश्चिंत रहें।

नगरपालिका के ऑफिस में चोरी का खामियाजा भुगतेंगे गरीब दुकानदार, चलती हुई दुकानें हो रही हैं ज़मीदोज़, <br>दुकानदारों के परिवारों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट | New India Times

अब सवाल उठता है कि जहाँ कोरोना की मार झेल रहे इन छोटे गरीब तबके के दुकानदारों को सरकार जब बसा नहीं सकती तो फिर दर्जनों परिवारों के लोगों के व्यापार छीनकर सरकार को या नगरपालिका को कितना लाभ होगा जबकि नियम के हिसाब से इन दुकानदारों से नगरपालिका पुनः किराया लेकर दर्जनों दुकानदारों को बेरोजगार होने से बचाया जा सकता है और ये जिम्मेदारी दमोह नगरपालिका और दमोह कलेक्टर को निभानी चाहिये ताकि ये अपने परिवारों का पालन पोषण कर सकें. अगर इन दुकानदारों को यहां से हटाया गया तो कई परिवारों के सामने अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा।


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