दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसीविर इंजेक्शन के कालाबाजारी को लेकर भागलपुर में एक महिला को किया गिरफ्तार | New India Times

अतीश दीपंकर/श्यामानंद, भागलपुर/पटना (बिहार), NIT:

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसीविर इंजेक्शन के कालाबाजारी को लेकर भागलपुर में एक महिला को किया गिरफ्तार | New India Times

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसीविर इंजेक्शन के कालाबाजारी को लेकर छापामारी करते हुए भागलपुर के घोघा थाना क्षेत्र के पक्की सराय कि एक महिला को अपने हिरासत में लिया है, जिसके बाद गिरफ्तार महिला को भागलपुर व्यवहार न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट पर लेने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. गिरफ्तार महिला की पहचान सरिता देवी पति सौदागर मंडल के रूप में हुई है. गिरफ्तार महिला सरिता देवी अपने पति और परिजनों के साथ घोघा के ईंट भट्टे में मजदूरी का कार्य करती है. दिल्ली साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर और दर्ज कांड के अनुसंधानकर्ता करणवीर ने बताया कि करीब 1 माह पूर्व एक व्यक्ति ने दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसीविर दवा की कालाबाजारी को लेकर लाखों रुपया ठगी करने का मामला दर्ज कराया था. शिकायतकर्ताओं ने कालाबाजारी करने वाले गिरोह के बैंक खाते में भी पैसा ट्रांसफर करने की बात बतायी थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला कि भागलपुर के घोघा निवासी महिला सरिता देवी के खाते में पिछले 3 माह में करीब 90 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ है, जबकि उसके बहन के खाते से 44 लाख और उसके तीन और परिजनों के खातों से भी लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है, यानी यदि सिर्फ सरिता के परिवार की बात करें तो करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन पिछले 3 माह में हुआ है, जिसके बाद दिल्ली से आई विशेष टीम के द्वारा सरिता को हिरासत में लेकर, दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही है, वहीं गिरफ्तार सरिता ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि पिछले 1 साल से घोघा में आरओबी का काम चल रहा है, जहां का मुंशी रोशन ने रेलवे की ग्रुप डी में नौकरी लगाने का झांसा देकर, उसके साथ 21 लोगों के खाते अलग-अलग बैंकों में खुलवाए थे, इसके लिए सभी के आधार कार्ड और फोटो भी मुंशी के द्वारा लिया गया था, उनके नाम पर नये सिम कार्ड भी खरीदे गए थे, इन नंबरों को खाते से जोड़कर रोशन सभी सिम अपने पास रखकर खुद इस्तेमाल करने लगा था और महिला ने कहा कि उसके खाते से हुए ट्रांजैक्शन की जानकारी उसको नहीं है. मामला जो कुछ भी हो, लेकिन यदि महिला के दावे को मानें तो इसके पीछे एक बड़े गैंग की कहानी छुपी लग रही है, एक मजदूर यदि अपने खाते से लाखों रुपए के लेनदेन करेगा तो कहीं ना कहीं खर्च भी करेगा लेकिन इस महिला ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है. यह महिला और इसके तरह कई मजदूर महिला अनजाने में ठग गिरोह के साजिश का हिस्सा बनते नजर आई है, दिल्ली पुलिस और भागलपुर पुलिस ठोस रूप से छानबीन करे, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए और आने वाले दिनों में कोई गरीब अनजाने में ठग गिरोह का शिकार होने से बच सके.


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By nit

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