मेहलका इकबाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी के चेयरमैन मुकीत खान (खंडवा) ने कोरोना के कारण देश की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में पवित्र हज यात्रा 2021 को लेकर अपनी पीड़ा अभिव्यक्त की है। मुकीत खान के अनुसार जैसा कि सभी जानते हैं कोरोना वबा (संक्रमण) ने हिंदुस्तान के बहुत से सूबों को अपनी चपेट में ले लिया है, चारों तरफ इस वबा की धूम है,ऐसे में फिर एक सवाल खड़ा हो गया है इस साल पवित्र हज यात्रा 2021 का क्या होगा ? हमारे देश भारत से जिन हज आवेदकों ने बड़ी आशाओं के साथ पवित्र हज यात्रा 2021 हेतु आवेदन किया है क्या उन्हें इस वर्ष पवित्र यात्रा का सौभाग्य प्राप्त होगा ? अभी तक सऊदी सरकार की खामोशी और हज कमेटी ऑफ इण्डिया की चुप्पी ने सवालिया निशान लगा रखा है ? इस साल जिस हिसाब से हज के आवेदन प्रस्तुत करते समय जो संभावित राशि बताई गई थी उसे भी हज आवेदकों ने अपनी आस्था के तहत सहर्ष स्वीकार करते हुए अपने आवेदन प्रस्तुत किए हैं। हज की रकम चाहे कितनी ही हो जाए, हज के इच्छुक व्यक्ति अपनी आस्था के अनुसार उसे भी स्वीकार कर हज पर जाने की तड़प रखते ही हैं। और इस वर्ष के हज आवेदकों ने यह साबित कर दिखाया। जब लोगों ने हज के लिये फार्म जमा किये, भले ही फार्म कम भरे गए हों, लेकिन जितने भी भरे गए वो इस बात की तस्दीक करते हैं कि हज की रकम में कितना वृद्धि हो जाए अल्लाह की आस्था के आगे यह रकम नगण्य है। अब वक्त बहुत हो गया, कभी सुनते हैं हज तो होगा, कभी खबर आती है कि बहुत से मुल्कों को बैन किया गया है उनमें हिंदुस्तान भी है। हज कमेटी ऑफ इंडिया की पुरानी परंपराओं के अनुसार अब तक तो सभी किश्तें जमा हो जाना चाहिये थी ताकि पवित्र रमज़ान करीम के फौरन बाद हाजियों की रवानगी का सिलसिला शुरू हो जाता है,लेकिन अफसोस अभी तक न तो सऊदी सरकार की ओर से हज का कोटा रिलीज़ किया गया न कोई हज को लेकर सुगबुगाहट। ऐसी स्थिति में हर कोई पशो-पेश में है। वहीं मंत्री जी भी खामोश हैं। हज का काम एक बहुत बड़ा काम है वक्त रखते उन्हें अपने लेवल पर इस मुताल्लिक आगे बात रखना चाहिये थी ताकि दरख्वास्त ग़ुज़ारों को इत्मीनान बख़्श जवाब मिल जाए। मौजूदा दौर हाई टेक है। सब कुछ ऑन लाईन हो चुका है। हज के कामों को भी डिजिटल बना दिये जाने के दावे किए जाते रहै हैं बावजूद इसके हज की दरख्वास्त निकालने में जितनी जल्द बाजी की गई उतनी ही जल्द बाजी हज सफर होगा या नही ? इस बात पर भी की जाती तो बेहतर होता। लेकिन हज कमेटी ऑफ इण्डिया मिनिस्ट्री पर डिपेंड है। जैसा हुकुम होता है, वैसा वो काम करती है।इसलिये मिनिस्ट्री को फिक्रमंद होकर हज के मुताल्लिक फ़ौरन फ़ैसला लेने की कोशिश करना सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिये। इस तहरीर का मकसद यही है कि हज कमेटी और मंत्रालय दोनों समय पूर्व जागरूक हो। क्योंकि हज पर जाने का समय अति निकट आ चुका है। वहीं हज-2021 पर जाने वाले हज़रात और हज के मैदान में खिदमात देते आ रहै खिदमतगार बेसब्री से इंतज़ार में हैं और सभी की अल्लाह की बारगाह में यही दुआ है, कि अल्लाह इस साल गुज़िश्ता साल की तरह मायूसी के हालात न बनाना। हज पर जाने की तमन्ना रखने वालों की उम्मीदों को पूरी करना। गुनाहगार सही लेकिन हर कोई दिल में तेरे घर की दीदार की तड़प रखता है। सजदे में गिरकर रो-रोकर अपने गुनाहों की माफी मांगेंगे साथ ही आइंदा दोबारा कभी गुनाहों को न करने का अज़्म और इरादा कर तुझसे वादा कर लौटेंगे.. अल्लाह कुबूल कर ले मेरे मौला और हालात साज़गार बना दे और समस्त भारतीयों सहित पूरे विश्व के लोगों को हज 2021 का सौभाग्य अता फरमा।
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