माहौर देश के लिए जिए, आजादी के बाद देश के लिए मर मिटने वालों को भुलाया गया: सांसद शेजवलकर | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

माहौर देश के लिए जिए, आजादी के बाद देश के लिए मर मिटने वालों को भुलाया गया: सांसद शेजवलकर | New India Times

डॉ. भगवानदास माहौर की जयंती समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बलते हुए श्री विवेक शेजवलकर ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए लाखों लोग ने बलिदान दिया लेकिन आजादी के बाद इतिहासकारों ने सिर्फ एक पार्टी के लोगों को ही आजादी के लिए जिम्मेदार माना। यह अन्याय है उन शहीदों के प्रति जिन्होंने देश पर अपने प्राण न्यौछावर किए। देश की ओर से उनको उचित सम्मान नहीं मिला जिसके वह अधिकारी थे। वर्तमान समय में देश में और देश के बाहर से फिर से देश को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। नए नए तरीके से लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आघात किया जा रहा है। इस समय एक बार फिर से पुन राष्ट्रवाद की विचारधारा को सशक्त करने का समय है। डॉ. भगवानदास माहौर जी का जीवन हमें सदैव प्रेरणा बनेगा। उनका देशभक्ति से ओतप्रोत साहित्य, नाटक हमें प्रेरित करते हैं उनके विचारों का अधिक से अधिक प्रचार हो, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री प्रद्दुम्न सिंह तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि डॉ भगवान दास माहौर देश के लिए जीये। स्वतंत्रता के पश्चात भी देश के लिए सतत कार्य करते रहे। कभी हार नहीं मानी। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने साहित्य के साथ कवि, संपादन, नाटककार, प्राध्यापक, ज्योतिषी के मध्याम से जीवन पर्यन्त समाज की सेवा करते रहे। कार्यक्रम के शुभारंभ में उपस्थित सभी अतिथियों ने डॉ माहौर जी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। आज के इस अवसर पर डॉ श्याम सरीन जी के क्रांतिकारियों के जीवन पर लगातार कार्य करने के लिए शॉल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। सम्मान के अवसर डॉ सरीन ने कहा कि डॉ भगवान दास और पंडित चन्द्र शेखर आजाद दोनों के बीच गहरी दोस्ती रही। यह अजब संयोग है की 27 फरवरी भगवानदास का जन्म दिवस है और चंद्रशेखर आजाद की पुण्य तिथि है।कार्यक्रम का संचालन रामबाबू अग्रवाल ने एवं आभार अमित सेठी के दिया। कार्यक्रम में प्रवीण अग्रवाल, अशोक बांदिल, मुकेश गुप्ता, राजकुमार बंसल, महेश बांदिल, अरुण बंसल, अभिषेक गांगिल, मनीष बांदिल, अमित सेठी, शिव कुमार गुप्ता, गोपाल गांगिल, राजीव गुप्ता, आशा गोयल, विकास गुप्ता, हेमंत सिंघल, डॉ संजय गुप्ता, प्रोफेसर वाजपेई, नरेश गुप्ता, नरेंद्र बंसल, श्याम मांडिल, ओ. पी. जैन, गायत्री बंसल, सुधा मांडिल, रवीश गोयल, रामसेवक गुप्ता, दिनेश बांदिल, डॉ. जे. पी. गोयल, योगेश गोयल, राधामोहन गुप्ता, दुर्गेश गुप्ता, राजकुमार माहौर, शैलेन्द्र माहौर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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