अबरार अहमद खान, सिद्धार्थ नगर/लखनऊ (यूपी), NIT:
कोरोना महामारी के चलते इस वक़्त पूरे विश्व में अर्थव्यवस्था चरमराइ हुई है विशेषकर भारत में दैनिक जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। अधिकांश श्रमिक वर्ग के
लोग परेशान हैं और लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। जिन लोगों के पास कुछ साधन थे वह भी इतने लंबे लॉक डाउन के समय में खाली हाथ हो गए हैं। वहीं उलमाए कराम भी लॉक डाउन की वजह से काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। उनके पास कोई आमदनी का और ज़रिया नहीं है जिस से वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। ऐसे में शुब्बानुल मुस्लमीन सोसायटी के नवजवानों ने अपने गाँव के आस पास मदारिस के उलमाए कराम की आर्थिक मदद कर उनके परिवारों के चेहरों पर खुशियाँ बिखेरने की कोशिश कर रहे हैं।
इस संबंध में संस्था के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अरशद नूरी व अब्दुल आखिर सिद्दीकी ने NIT सवांददाता से बात करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के चलते मदरसे वगैरह बंद पड़े हैं, हमारे उलमाए कराम के पास आमदनी का कोई ज़रिया नहीं है जिस से वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। यह ग़ैरतमंद होते हैं किसी से कह नहीं सकते हैं। अगर यह उलमाए कराम भूखे पियासे इस दुनियां से चले गऐ तो हम अल्लाह के यहाँ क्या मुंह दिखाएंगे और आखिरत में हमें इस का जवाब देना होगा। तो ऐसे में हमारा फर्ज़ बनता है कि हम उन की हर तरह से मदद करें ताकि उनका घर चल सके। हमारी कमेटी इस चैनल के माध्यम से लोगों से अपील कर रही है कि उलमाए कराम की हर तरह से ज़रूर मदद करने की कोशिश करें ताकि उनका परिवार भूखा न सोए।
आप को बता दें कि यह संस्था लगभग 9 वर्षों से बराबर गरीबों की मदद के लिये कार्य करती चली आ रही है।
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