मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर/इंदौर (मप्र), NIT:
जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) संभाग इंदौर, अमित गोयल ने बताया कि इंदौर में न्यायालय श्रीमती वर्षा शर्मा विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) इंदौर के द्वारा जिला अभियोजन अधिकारी इंदौर श्री मोहम्मद अकरम शेख, एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आनंद नेमा के सशक्त अभियोजन में थाना महू के अप.क्र.485/2019, विशेष प्रकरण क्र.46/19, में आरोपी अंकित विजयवर्गीय पिता कमल विजयवर्गीय उम्र 28 वर्ष निवासी प्रशांति हास्पिटल के सामने महू, जिला इंदौर को दोषी पाते हुए, भादवि की धारा 363 में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड, धारा 366(क) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड, धारा 201 में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड, धारा 376एबी में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड, धारा 376ए में मृत्युदंड तथा धारा 302 में मृत्युदंड, एवं 1000 रूपये का अर्थदंड और धारा 5एम/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। उल्लेखनीय है कि, मध्य प्रदेश के अभियोजन विभाग के संचालक श्री पुरूषोत्तम शर्मा के द्वारा महिला एवं बच्चो के विरूद्ध हो रहे अपराधों की सतत निगरानी एवं समीक्षा की जाकर अभियोजन अधिकारियों को निर्देश दिए गए और उनके निर्देशन में ही अभियोजन का सफल संचालन किया जाकर उक्त प्रकरण में सफलता प्राप्त की गई। श्री शर्मा के नेतृत्व में वर्ष 2020 में यह मध्य प्रदेश में बालकों के विरूद्ध लैंगिक शोषण के अपराध में दूसरी फांसी की सजा है। इसके पूर्व माह जनवरी 2020 में जिला नरसिंहपुर में भी मध्य प्रदेश अभियोजन ने फांसी की सजा कराई थी।
घटना का विवरण
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि घटना दिनांक 01/12/2019 को रात्रि में एक 4 वर्षीय बालिका अपने माता-पिता के साथ साईं मंदिर के सामने रोड किनारे महू पेड के नीचे सो रही थी। बालिका की माता भीख मांगकर अपना जीवन यापन करते हैं और उनका कोई घर नहीं होने से वह सड़क किनारे ही अपना जीवन यापन करते हैं। जब दिनांक 02/12/2019 को प्रात: बच्चे के माता-पिता उठे तो देखा कि उनकी 4 वर्षीय बालिका जो रात में उनके साथ सोई थी वह वहां नहीं है, जब बच्ची के माता पिता बच्ची को तलाश करते प्रशांति हास्पिटल पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली कि बंगला नं. 122 के सामने खंडहर में एक बच्ची की लाश पडी है। जब बच्ची के माता पिता खंडहर में पहुंचे, तो वहां उन्होंने देखा कि उनकी 4 वर्षीय बच्ची मृत अवस्था में एक प्लास्टिक की थैली पर पडी है एवं उसकी फ्राक उपर थी और उसकी चड्डी भी नही थी और शरीर पर चोट थी व गुप्तांग पर भी चोट के निशान थे। बच्ची के पिता द्वारा दिनांक 02/12/2019 को ही थाना महू पर इस आशय की रिपोर्ट की गई कि रात्रि में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसकी बच्ची का अपहरण कर उसके साथ गलत काम कर उसकी हत्या कर दी है। पिता की रिपोर्ट पर से थाना महू के अपराध क्र. 485/2019 पर अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण अनुसंधान में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) इंदौर द्वारा अपराध की गंभीरता को देखते हुए उक्त प्रकरण को सनसनीखेज और गंभीर अपराध की श्रेणी में रखते हुए, एस.आई.टी. का गठन किया गया। जिसमें एस.डी.ओ.पी. महू श्री विनोद शर्मा, थाना प्रभारी महू श्री अभय नेमा एवं थाना प्रभारी सांवेर श्री योगेश तोमर को सम्मिलित किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे देखे। सांई मंदिर एवं चक्की वाले महादेव मंदिर पर लगे सीसीटीवी कैमरे देखने पर यह ज्ञात हुआ कि घटना दिनांक को रात्रि में 01:00 से 01:30 बजे के बीच एक व्यक्ति जो काली जैकेट, ब्लू जीन्स एवं सफेद जूते पहने हुए टहलता हुआ दिखाई दे रहा है और वही व्यक्ति कुछ समय बाद गोद में एक बच्ची को उठाकर भागते हुए दिखाई दे रहा है। पुलिस द्वारा उक्त फुटेज की जब आसपास के लोगों से पहचान कराई गई तो ज्ञात हुआ कि उक्त व्यक्ति अंकित विजयवर्गीय पिता कमल विजयवर्गीय निवासी प्रशांति हास्पिटल के सामने महू का रहने वाला है। पुलिस द्वारा आरोपी अंकित को गिरफ्तार किया गया व अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय अपर सत्र न्यायालय, महू के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन की ओर से पैरवी ए.डी.पी.ओ. श्री आनंद नेमा द्वारा की गई। विचारण के दौरान प्रकरण को विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) इंदौर श्रीमती वर्षा शर्मा के न्यायालय में अंतरित किया गया। जहां अभियोजन की ओर से पैरवी डी.पी.ओ. श्री मो. अकरम शेख द्वारा की गई। जिन्हें प्रीति अ्ग्रवाल एडीपीओ द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया गया।
अभियोजन द्वारा की गई कार्यवाही
अभियोजन की ओर से उक्त प्रकरण में 29 गवाहों के बयान करवाये जाकर लगभग 93 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए। प्रकरण में अभियोजन की ओर से महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में घटना स्थल के आसपास के 4 सीसीटीवी फुटेज भी न्यायालय में प्रमाणित किए गए जिसमें आरोपी घटना स्थल के आसपास टहलता हुआ और बच्ची को गोद में लेकर भागता हुआ दिखाई दिया है एवं घटना स्थल से एक सफेद धातु की बाली जप्त की गई थी जो घटना के समय घटना स्थल पर गिर गई थी और जब आरोपी को गिरफ्तार किया, उस समय आरोपी के दाहिने कान में एक सफेद धातु की बाली थी जो हुबहू उसी बाली के समान थी जो घटना स्थल से जप्त की गई थी, इसे भी अभियोजन द्वारा प्रमाणित करवाया गया है।
प्रकरण में डी.एन.ए. रिपोर्ट भी आरोपी की सजा का मुख्य आधार बनी
माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाने के उपरांत दंड के प्रश्न पर सुना गया । आरोपी की ओर से निवेदन किया गया कि उसकी एक डेढ माह की बच्ची है। उसके साथ नर्मी बरती जाएं इस पर जिला अभियोजन अधिकारी श्री मो. अकरम शेख ने तर्क किए कि आरोपी विवाहित होते हुए उसने एक 4 वर्ष की अबोध बालिका का अपनी हवस की पूर्ति हेतु चयन किया और उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की। आरोपी का कृत्य विरल से विरलतम मामले की श्रेणी में आने वाला अपराध है इसलिए आरोपी को मृत्युदंड से दंडित किया जाएं।
श्री शेख द्वारा करवाई गई फांसी की तीसरी सजा
ज्ञात हो कि पूर्व में भी उक्त सजा के अलावा, जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री मो. अकरम शेख द्वारा दो अन्य मामलों में भी आरोपीगण द्वारा किए गए जघन्य कृत्य के कारण फांसी की सजा से दंडित करवाया गया। जिनमें से पहला वर्ष 2018 के अतिरिक्त थाना सराफा के अपराध क्र.50/18 में लगभग 4 माह की बच्ची के साथ रेप कर हत्या करने वाले आरोपी नवीन को फांसी की सजा से दंडित करवाया गया तथा दूसरा वर्ष 2019 में थाना द्वारकापुरी के अपराध क्र.539/18 में लगभग 4 वर्षीय बालिका के साथ रेप कर हत्या करने वाले आरोपी हनी अटवाल को फांसी की सजा से दंडित करवाया।
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