एनआरसी एवं सीएए कानून के खिलाफ भोपाल में उमड़ा जन सैलाब, शांतिपूर्वक निकाली गई रैली | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

एनआरसी एवं सीएए कानून के खिलाफ भोपाल में उमड़ा जन सैलाब, शांतिपूर्वक निकाली गई रैली | New India Times

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज सीएए एवं एनआरसी के विरोध में डीआईजी बंगला चौराहा से लेकर
भोपाल टॉकीज तक शांति पूर्वक रैली निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इस रैली में सीएए व एनआरसी के विरोध में नारे लिखी तख्तियां लिए लोग चल रहे थे। रैली भोपाल टाकिज पहुंच कर एक सभा की शक्ल में तब्दील हो गई। इस मौके पर कई वक्ताओं ने अपनी बात रखी और केन्द्र सरकार से काला कानून नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की।

रैली में सभी धर्म के लोग बिना भेद-भाव के हज़ारों की संख्या शामिल हुऐ।

एनआरसी एवं सीएए कानून के खिलाफ भोपाल में उमड़ा जन सैलाब, शांतिपूर्वक निकाली गई रैली | New India Times

लोगों का कहना है कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत नागरिकता संशोधन कानून 2019 और देशव्यापी NRC थोपने की कोशिश संविधान, लोकतंत्र और इंसानियत के मूल्यों के ख़िलाफ़ है और इसका विरोध करना देश के लोगों का न सिर्फ अधिकार है बल्कि नागरिकता व इंसानियत का फर्ज़ भी है। विरोध की इन आवाज़ों का दमन कर के भाजपा सरकार यह साफ सन्देश दे रही है कि उसे न तो संविधान की परवाह है, न लोगों के अधिकारों की, न इंसानियत के मूल्यों की और न ही इस देश की सांस्कृतिक विरासत की।एनआरसी एवं सीएए कानून के खिलाफ भोपाल में उमड़ा जन सैलाब, शांतिपूर्वक निकाली गई रैली | New India Times

गौरतलब है कि इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफ़गानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई) शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। यह भारत के संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों व प्रावधानों के ख़िलाफ़ जाकर धार्मिक आधार पर लोगों में भेदभाव करता है। यह कानून अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानूनों का भी उल्लंघन करता है जिनके अनुसार प्रताड़ना के शिकार लोगों को बिना किसी भेदभाव के शरण देना हर देश की ज़िम्मेदारी है। यह कानून भारत के सांस्कृतिक मूल्यों के भी ख़िलाफ़ है क्योंकि हमारे देश में प्राचीन काल से ही दुनिया भर से तमाम धर्मों व मतों के लोग आकर बसते रहे हैं और देश का हिस्सा बन गए हैं। यह कानून असल में भाजपा/आरएसएस का मुस्लिम विरोधी कट्टरता को कानूनी रूप से स्थापित करने वाला कदम है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading