प्रशासन के मुखौटे के पीछे क्रूर और काला चेहरा हुआ उजागर, बदले की भावना से हास्पिटल संचालक को प्रताड़ित करने का आरोप | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

प्रशासन के मुखौटे के पीछे क्रूर और काला चेहरा हुआ उजागर, बदले की भावना से हास्पिटल संचालक को प्रताड़ित करने का आरोप | New India Times

शहर के सभी चिकित्सकों ने जब अपनी एकजुटता दिखाकर प्रशासन को आईना दिखाया तो प्रशासन ने बदले की कार्यवाही कर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। बदले की कार्रवाई का पहला शिकार सहारा हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर ए एस भल्ला को बनाया है। डॉ भल्ला ने प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। प्रशासन ने इसके फलस्वरूप डॉ भल्ला को धारा 133 (1) के तहत अस्पताल में ताला डालने का नोटिस दिया है।

आरोप है कि कलेक्टर एवं प्रशासनिक अधिकारी पूर्व की गलतियों से सबक लेने की बजाएं अपना आपा खोते जा रहे हैं और गलती पर गलती करते जा रहे हैं। जानकारी में आया है और जैसा उनकी तरफ से कहा जा रहा हैं की वह इसी तरह डरा धमका कर अन्य लोगों को भी नोटिस देंगे और उनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे एवं झूठे मनगढ़ंत केस लगा सकते हैं।
जिम्मेदारों का कहना है कि चिकित्सक सही समय पर इलाज देने एवं उपलब्ध संसाधनों में उचित उपचार देने के लिए कटिबद्ध हैं और वह अपने तन मन धन से समाज सेवा के इस कार्य में निरंतर लगे हुए हैं। शहर में जनसंख्या वृद्धि एवं ओवरक्राउडिंग की वजह से सभी जगह परेशानी हैं उसके बावजूद भी सीमित डॉक्टरों, अस्पतालों एवं नर्सिंग होमों की संख्या के कारण मरीजों के उपचार के लिए पलंग तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। शहर के चिकित्सक अपने छोटे-छोटे नर्सिंग होम और अस्पतालों में मरीजों की संख्या की अधिकता को देखते हुए मरीजों के उचित इलाज के लिए सीमित स्रोतों में व्यवस्थाएं बना रखी है जिससे कि उन्हें सस्ता और बेहतर इलाज शहर में ही उपलब्ध हो सके लेकिन प्रशासन अपनी तानाशाही और दुर्भावना और बदले की भावना के कारण इन अस्पतालों को बंद कर चिकित्सकों को डराने धमकाने का काम कर रहा है। बदले की भावना से एवं अन्य बदनीयती से अस्पतालों में तोड़फोड़ और ताले बंदी करने की किसी भी कार्यवाही का विरोध शहर के चिकित्सक एकजुटता से देने में सक्षम हैं। प्रशासनिक अधिकारी शहर में अराजकता फैलाकर नागरिकों और शहर के चिकित्सकों के बीच में बने सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ कर चले जाते हैं जिसे हम होने नहीं देंगे। अगर किसी पर भी इस प्रकार की कार्यवाही की जाती है तो शहर के समस्त चिकित्सक एवं उनके संगठन एकजुट होकर प्रशासनिक कार्यालयों पर धरना देकर उनके कार्यालयों में व्याप्त अनियमितताएं उजागर करेंगे। हमारा सभी से अनुरोध है कि बदले की भावना से इस प्रकार की प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही के लिए हम हर एक चिकित्सक के साथ एकजुट होकर खड़े होने और लड़ने को तैयार हैं।


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