फराज अंसारी, बहराइच ( यूपी ), NIT;  वनदुर्गा उर्फ मोगली गर्ल के मामले में आया नया मोड़, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला निवासी ने अपनी गुमशुदा बेटी अलीजा होने का किया दावा | New India Times​उत्तर प्रदेश के बहराइच जिला अस्पताल में भर्ती वनदुर्गा उर्फ मोगली गर्ल के मामले में नया मोड़ आ गया है। जौनपुर जिला के थाना बादशाह पुर क्षेत्र के गांव कमालपुर निवासी रमजान ने साक्ष्य प्रस्तुत किया कि कतर्निया के बियाबान जंगल में मिली अबोध बालिका वन दुर्गा उर्फ मोगली गर्ल उसकी गुमशुदा बेटी अलीजा है।वनदुर्गा उर्फ मोगली गर्ल के मामले में आया नया मोड़, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला निवासी ने अपनी गुमशुदा बेटी अलीजा होने का किया दावा | New India Times​उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला से आये अभिभावकों ने जंगल में मिली बालिका के बारे में कहा कि यह उनकी गुमशुदा बेटी है, जिसके प्रमाण के रूप में अपनी बिटिया की फोटो व जौनपुर के थाने में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति भी दिखाई है। परिजनों के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का संज्ञान लेकर बहराइच जिला अस्पताल के सीएमएस डाक्टर डी के सिंह ने परिजनों को उनकी अबोध बेटी के भेजने के स्थान लखनऊ के जानकीपुरम में स्थिति विशेष बालगृह का पता दे कर व कुछ वित्तीय सहायता प्रदान कर सरकारी वाहन से रोडवेज़ बस अड्डे पर लखनऊ जाने वाली बस पर बैठा कर रवाना कर दिया है।वनदुर्गा उर्फ मोगली गर्ल के मामले में आया नया मोड़, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला निवासी ने अपनी गुमशुदा बेटी अलीजा होने का किया दावा | New India Times​विदित रहे कि बीते दो दिनों से बहराइच का नाम इस इस बालिका के चलते सुर्ख़ियों में आ गया था। आज जब बालिका के पिता का दावा कर रहे रमजान निवासी ग्राम कमालपुर इलाहाबाद रोड जिला थाना बादशाह पुर जौनपुर बालिका को अपनी गुमशुदा बेटी अलीजा बताया और परिजनों ने बताया कि उनकी पुत्री अलीजा गत 28 मार्च 2016 से अपने घर से लापता हो गयीं थी जो कि काफी खोज बीन करने पर भी नहीं मिल सकी थी।वनदुर्गा उर्फ मोगली गर्ल के मामले में आया नया मोड़, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला निवासी ने अपनी गुमशुदा बेटी अलीजा होने का किया दावा | New India Times​ज्ञात हो कि बालिका के बेहतर इलाज व देखभाल के लिये बहराइच जिला अस्पताल से बीते दो दिनों में न्यूज़ चैनलों व अखबारों की सुर्ख़ियां बनी जिला चिकित्सालय में विगत ढाई महीने से भर्ती वन दुर्गा उर्फ मोगली गर्ल को लखनऊ स्थित सामजिक संस्था निर्वाण में भर्ती करने के लिए 108 एम्बुलेंस से उसे निर्वाण के लिए रवाना कर दिया गया था।


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