कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT;उत्तर प्रदेश के गोरखपुर,फैज़ाबाद और बाराबंकी से काम के लिए माहाराष्ट्र के बुलढाणा में आये 15 मजदूरों को विगत 6 माह से उनके काम की मजदूरी नहीं दिया गया है और आज इन मजदूरों को कारखाने से बाहर का रास्ता दिखाने के कारण इनके पास में फूटी कौड़ी भी नहीं होने से ये मजदूर बुलढाणा में भटक रहे हैं। ख़ास बात तो यह है कि ये मज़दूर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्वाचन क्षेत्र से संबंध रखते है, जिन्हें अब ये उम्मीद है कि “योगी” उनकी किसी भी तरह से मदद करेंगे।
इस संबंध में यूपी के गोरखपुर जिला के देवकहिया, तह.चौरीचौरा निवासी बाबूलाल रामधनी भारती (58) सहित अन्य 14 मजदूरों ने बुलढाणा ज़िला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया है जिसमें कहा गया है कि उन्हें यूपी के ठेकेदार गौरीशंकर उदयनारायण मिश्र ने काम के लिए माहाराष्ट्र में लाया था। 2 माह तक उनसे औरंगाबाद में काम लेने के बाद बुलढाणा के भगीरथ खाद कारखाने में भेज दिया गया। मजदूरों के खाने के लिए शहर की एक किराना दूकान में खाता लगा दिया और इसी खाने के बदले में उनसे बुलढाणा में 4 माह तक बिना मुआवज़े के काम लेता रहा। आरंभ में 20 मज़दूर काम पर थे किन्तु मज़दूरी नहीं मिलने के कारण 5 मज़दूर काम छोड़ कर चले गए थे। मज़दूरी नहीं मिलने के कारण ये मज़दूर अपने परिवार को कोई रकम भी नहीं भेज पाये हैं।जब भी ठेकेदार से मज़दूरी की रकम मांगी गई तो उन्हें ठेकेदार ने टाल दिया। उधर किराना दूकान का अधिक बिल हो जाने के कारण दुकानदार ने भी सामान देना बंद कर दिया है जिसके कारण इन मज़दूरों को भूके रहने की नौबत आ गई है। फोन पर ठेकेदार को बताने पर भी वह कोई उपाय नहीं कर रहा है बल्कि उलटा मज़दूरों को ही धमका रहा है। ठेकेदार फिल्हाल औरंगाबाद में है और वह अब इन मज़दूरों को वापस औरंगाबाद काम के लिए बुला रहा है। इधर मज़दूरों का आलम यह है कि उनके पास कोई रकम नहीं है, ऐसे में वे 150 किलो मीटर का किराया कैसे अदा कर पाएंगे। ठेकेदार के कहने पर आज इन मज़दूरों को बुलढाणा स्थित भगीरथ खाद निर्मिति कारखाने के सेक्युरिटी गार्ड ने पुरे सामान के साथ कारखाने से बाहर निकाल दिया है। ये मज़दूर अब बुलढाणा की कोर्ट के सामने फुटपाथ पर बैठे हुए हैं, जिन्होंने पत्रकारों के माध्यम से यूपी के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाईं है। बता दें कि इन 15 मज़दूरों का कुल 7 लाख 36 हज़ार रुपए ठेकेदार पर बकाया है।
- मज़दूर मिले एडिशनल क्लेक्टर टाकसाले से
यूपी के मज़दूरों को 6 माह की मज़दूरी नहीं दी गई और वे सभी फुटपाथ पर बैठे मदद का इंतज़ार कर रहे हैं। इस घटना की जानकारी कुछ पत्रकारों को मिलने के बाद वे वहाँ पहुंचे और हक़ीक़त जानने के बाद बुलढाणा के एडिशनल क्लेक्टर शिवानन्द टाकसाले को सच्चाई से अवगत कराने के बाद श्री टाकसाले इन मज़दूरों से मिले और मज़दूरों को काम पर लाने वाले ठेकेदार गौरीशंकर मिश्रा से फोन पर बात करते हुए तत्काल मज़दूरी अदा किये जाने की बात कही। एक अधिकारी की यह तत्परता देख मज़दूरों के चेहरों पर आशा की किरण लौट आई है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.