वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
एक ओर प्रदेश के मुखिया चुनावी सभाओं में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के बड़े-बड़े दावे करके अपनी पीठ थपथपा रहे हैं वहीं दूसरी ओर इनकी सरकार में तैनात कर्मी मुख्यमंत्री के आदेशों को पलीता लगाकर सरकार की थू थू कराने में लगे दिखाई पड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लखीमपुर खीरी जिला कारागार में देखने को मिला है जहां बंदी रक्षक अवैध धन वसूल रहा है और अवैध धन न देने और अवैध वसूली का विरोध करने पर अश्लील व अभद्र गालियों का प्रयोग करता है। बंदी रक्षक योगी के फरनामों को पलीता लगा रहा है। एक अखबार के सदस्य अपने एक साथी पत्रकार से मुलाकात करने जिला कारागार समय लगभग 2 बजे गए थे उसी समय दूसरी शिफ्ट की बंदी मिलाई चल रही थी जिसमें गेट नंबर 3 पर तैनात बंदी रक्षक मनोज कुमार वर्मा प्रत्येक मुलाकाती से सौ से दो सौ रूपये वसूल कर रहा था उसी समय जब अखबार की टीम के सदस्य भी वहां पहुंचे तो बंदी रक्षक ने सुविधा शुल्क की मांग की और जब अवैध धन उगाही न देने पर मामला तूल पकड़ गया और बंदी रक्षक ने यहां तक कहा कि आप बिना मिले ही वापस जाओगे लेकिन अन्य कई अफसरों के आने के बाद मिलने को जाने दिया। जिला कारागार में व्याप्त भ्रष्टाचार का आलम यह है कि यहां कदम कदम पर पैसे की मांग की जाती है। हर काम की अलग अलग फीस की किस्त है। बैठाई के नाम पर अलग फीस, बैरक बदलवाई व पहरा न लगाने के नाम पर 35 सौ रूपये प्रति बंदी लिये जाने की चर्चा आम बन्दियों में है। मुलाकात में 100 से 200 रूपये तक अलग-अलग वसूल किया जाता है। इतना ही नहीं बंदियों के खानपान में भी भारी धांधली करके अति निम्न गुणवत्ता विहीन भोजन दिया जाता है। मुलाकात करने आये मुलाकाती राम खेलावन निवासी मलकापुर कला थाना भीरा ने बताया वह अपने एक रिश्तेदार संदीप से मुलाकात करने जिला कारागार आया था, मुलाकात करने के बाद अब वह वापस गेट नंबर 3 पर आया तो मनोज कुमार वर्मा ने मोबाइल की हेडफोन लीड भी वापस नहीं की और 100 रूपये जबरन ले लिए। बंदियों को निकासी के समय बड़ी अश्लील गालियां देकर बाहर निकाला जाता है।
जब इस मामले में जेलर ज्ञान प्रकाश के मोबाइल नंबर 9454 418245 पर बात कर उनका पक्ष जानने प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा मैं बंदी रक्षक मनोज कुमार वर्मा के विरुद्ध कार्यवाही करवाऊंगा।
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