मकसूद अली नागपुर (महाराष्ट्र), NIT; नागपुर शहर के पूर्व महापौर व विधायक ने मीडिया को ख कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को हटाने या उनकी सरकार के राज्य में बेदखल होने का कोई खतरा नहीं है। यदि शिवसेना अपना समर्थन वापस लेगी तो ही इस विचार किया जाएगा। वैसे शिवसेना किसी भी हाल में अपना समर्थन वापस नहीं लेगी।
पूर्व महापौर व विधायक ने कहा है कि फड़णवीस को हटाने का मामला हक़ीक़त से काफी परे है, भाजपा के पास कोई वजह नहीं है कि उन्हें हटाया जाए या केंद्र में मंत्री बनाकर बढ़ोत्तरी दी जाये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही सभी क भांति फड़णवीस को भी कुछ अड़चन महसूस हुई थी लेकिन आज राज्य के प्रशासकीय कामकाज, अधिकारियों, आर्थिक व्यवहार और राजनीतिक परिस्थितियों पर उनकी मजबूत पकड़ है। उन्होंने कहा कि जब मैं महापौर था तब भी ऐसा ही आरोप लगाया जाता था कि मनपा प्रशासन पर महापौर की पकड़ नहीं है, मनपा आयुक्त उनकी नहीं सुनते हैं। लेकिन हक़ीक़त में महापौर रहते मैंने अकेले में जितने भी कामकाज करने का निर्देश तत्कालीन मनपा आयुक्त को दिए थे, उन्होंने सभी पूरे किये।
उन्होंने कहा कि देवेन्द्र फड़णवीस सरकार दबा कर चला रहे हैं और अधिकारी वर्ग से काम ले रहे हैं। फ़िलहाल 8 महीनेकतक कोई बदलाव नहीं होना है। अगर हुआ भी तो लोकसभा चुनाव के पहले हो सकता है। वैसे भी राज्य में उनका पर्याय कोई नहीं है। जहाँ तक सरकार की स्थिरता का सवाल है तो शिवसेना कभी सरकार से हटने का पत्र नहीं देगी तो फिर ऐसे में सरकार के अस्थिरता का सवाल ही कहाँ उठता है। उन्होंने ने कहा कि फ़िलहाल विपक्षी हंगामों का दौर विधानसभा सदन में जारी होने से कामकाज नहीं हो पा रहे हैं, जबकि विपक्षी विधायकों को सभागृह के लिए तय कामकाज के दौरान चर्चा, बहस कर अपनी-अपनी भावनाओं से सरकार को ध्यानाकर्षण करवाना चाहिए, इससे मार्ग निकाला जा सकता है। ऐसे में सरकार हंगामे की परवाह न करते हुए अंतिम तीन दिन में अपने सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को बहुमत के आधार पर मंजूर करवा लेगी।
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