सार्वजनिक स्थलों पर फायरिंग करने का वीडियो हुआ वायरल, पूर्व सांसद व विधायक के समर्थकों पर सार्वजनिक स्थल पर फायरिंग करने का आरोप | New India Times

दयाशंकर पांडेय, ब्यूरो चीफ प्रतापगढ़ (यूपी), NIT:

सार्वजनिक स्थलों पर फायरिंग करने का वीडियो हुआ वायरल, पूर्व सांसद व विधायक के समर्थकों पर सार्वजनिक स्थल पर फायरिंग करने का आरोप | New India Times

प्रतापगढ़ जिला में इन दिनों अलग-अलग स्थानों पर अवैध व वैध असलहों से सार्वजनिक स्थलों पर फायरिंग करने का वीडियो वायरल हुआ है। कुछ वायरल वीडियो को देखकर पुलिस ने फौरी तौर पर ऐक्शन लेते हुए फायरिंग करने वालों को सलाखों के पीछे भी पहुंचा दिया है लेकिन प्रतापगढ़ में प्रतापगढ़ के सांसद कुंवर हरिवंश सिंह के द्वारा सार्वजनिक स्थल पर एक निजी आयोजन में सांसद ने स्टेज से गाना गाया तो उनके सम्मान और उत्साह में स्टेज पर ही फायरिंग हुई। जब उसकी वीडियो वायरल हुई तो पुलिस सक्रिय हुई परंतु सांसद के रसूख के आगे पुलिस की एक न चली। जबकि अन्य फायरिंग के वायरल वीडियो में पुलिस ने कार्यवाही कर कानून से खिलवाड़ करने वालों को साफ संकेत दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।

अब सवाल यह है कि राजनीतिक रसूख वाले व्यक्तियों के गिरेबान पर पुलिस हाथ डालने से क्यों कतराती है? क्या राजनीतिक रसूख रखने वाला व्यक्ति देश के संविधान व कानून से ऊपर हैं…???

राज्यसभा के पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद कुमार जिले में दो दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर जमकर बरसे थे और योगी व मोदी सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी। प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के नेता द्वारा लगाए गए आरोपों पर गौर करें तो कांग्रेस की सरकार में उससे कई गुना आरोप स्वयं सम्प्रग की सरकार में सिद्ध हो चुके हैं। फिर भी राज्यसभा के पूर्व सांसद प्रमोद कुमार जब भी मुंह खोलते हैं तो मोदी का ही विरोध उनके मुँह से निकलता है। उन्हें भी इस बात का एहसास है कि मोदी का ही नाम लेकर कांग्रेस में उच्च पद और राजनीति में बने रहना उनके लिए संभव और श्रेयकर होगा।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद कुमार एवं उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने वाली रामपुरखास विधायक अराधना मिश्रा “मोना” के कथित समर्थकों का एक फायरिंग का जो वीडियो वायरल हुआ है। उस पर अभी तक नेता जी की तरफ से कोई सफाई नहीं आई है। फायरिंग करने वाला नवयुवक और उसके साथियों द्वारा स्वयं को कांग्रेस के नेता का समर्थक बताना और उनके समर्थन में फायरिंग के बाद नारा लगाना ये सवाल खड़ा करता है कि क्या नेताओं द्वारा ऐसे युवकों को परोक्ष रूप से उनका समर्थन मिला रहता है।

ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली जीत के जोश में कैसे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कानून व्यवस्था की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए कानून व्यवस्था को चुनौती दे डाली…??? बीजूमऊ के प्रधान अनूप मिश्र अपने कई युवा साथियों के साथ हाइवे पर मोटरसाइकिल की रैली के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद कुमार और उनकी सुपुत्री एवं रामपुरखास विधायक आराधना मिश्रा “मोना” के समर्थन में अवैध असलहे से फायरिंग करते हुए जिंदाबाद के नारे लगा रहें हैं। खुलेआम अवैध असलहे से की गई फायरिंग से आम जनमानस में भय का माहौल व्याप्त कराना क्या उचित है??? बड़ा सवाल ये है कि क्या 28 साल से सूबे की सत्ता से दूर रही कांग्रेस के कार्यकर्ता इसी तरह अपनी पार्टी को मजबूती दिलाते हुए उत्तर प्रदेश में खोए हुए अपने वजूद को वापस पाने एवं सत्ता दिला पाने में सफल होंगे…??? गौर करने वाली बात यह है कि फायरिंग का वीडियो वायरल होने के बावजूद प्रतापगढ़ की पुलिस और प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि सामान्य मामले में यही पुलिस अभी तक फायरिंग करने युवक को दबोच ली होती। फायरिंग करने का मामला थाना/कोतवाली लालगंज क्षेत्र का है।


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