मकसूद अली, ब्यूरो चीफ यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT:
जिले के किसानों को कर्ज वितरण के लिए 30 सितंबर की डेडलाइन बैंकों द्वारा दी गई थी, इस दौरान कर्ज वितरण के लिए पात्र साबित हुए किसानों को फसल कर्ज मिलना अनिवार्य था। प्रत्यक्ष में जिले के 84 हजार पात्र किसानों को ग्रीन लिस्ट नहीं लगने से किसानों को कर्ज नही मिल पाया, इससे इन किसानों की समस्या शीघ्र हल करने की मांग किसान वारक संगठन के अध्यक्ष सिकंदर शाह ने की है। इस संबध में मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में शाह ने उल्लेख किया है कि किसान आत्महत्याग्रस्त जिले में किसानों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है, कर्ज माफी का लाभ प्राप्त करने के लिए जिले के दो लाख 51 हजार किसानों ने आवेदन किए थे. इनमे से एक लाख 67 हजार किसानों को कर्जमाफी दी गई शेष 84 हजार किसानों को कर्ज योजना से एक या अन्य कारणों से वंचीत रखा गया। कर्ज माफी की ग्रीन लिस्ट में नाम आने के बाद ही किसानो को नया कर्ज देने के राज्य सरकार के आदेश है। सरकर की इस नीति के कारण किसान कर्ज से वंचीत रहे, ऐसा आरोप सिकंदर शाह ने कर जिले में अकाल घोषीत करने की भी मांग उन्होंने राज्य सरकार से की है।
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