एसीसी सिमेंट को नये प्लांट की मंजूरी को लेकर आक्रोशित हैं कैमोर व आसपास के लोग, सत्ताधारी पार्टी के बहिष्कार की चल रही है तैयारी | New India Times

शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT; 

एसीसी सिमेंट को नये प्लांट की मंजूरी को लेकर आक्रोशित हैं कैमोर व आसपास के लोग, सत्ताधारी पार्टी के बहिष्कार की चल रही है तैयारी | New India Times​कटनी जिला के कैमोर क्षेत्र में जारी एसीसी सिमेंट प्लांट की मनमानी से जहां क्षेत्र वासी पहले से ह परेशान हैं वहीं नये प्लांट की मंजूरी आग में घी डालने का काम करेगी। स्थानीय निवासियों ने चेतावनी देते हुए बताया कि यदि नये प्लांट की मंजूरी दी गई तो सत्ता पक्ष बीजेपी का बहिष्कार किया जाएगा।

कैमोर क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने NIT संवाददाता को बताया कि एसीसी सीमेंट प्लांट ने आश्रित गावों तथा नगर को कोई मुलभुत सुविधा नहीं उपलब्धि कराई है जिससे क्षेत्र में अच्छा खासा रोष व्याप्त है, वहीं एसीसी ने धार्मिक स्थलों को भी क्षति पहुंचाई है जिसका विरोध और शिकायत भी अनेकों बार की गयी लेकिन प्रशासन ने शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय शिकायत कर्ताओं को ही डराने धमकाने का कार्य किया है। इसके बावजूद भी भाजपा शासन एसीसी को नये प्लांट लगाने की अनुमति देने की फिराक में है। लोकतंत्र की भावनाओं को दफन कर भाजपा आम जनता के मर्जी के खिलाफ एसीसी को प्लांट प्रारम्भ करने की अनुमति देने जा रही है ऐसी स्थिति में क्षेत्र की पीडित आम जनता भारतीय जनता पार्टी का बहिष्कार कर विरोध जताने की तैयारी कर रहे हैं।

भाजपा के समाज सेवकों को लाभ

कैमोर एसीसी सीमेंट प्लांट जहां आम जनता तथा मजदूर कर्मचारियों का शोषण कर रही है वही भाजपा के नेता तथा जन प्रतिनिधियों के लिए सुविधाओं का पिटारा खोल रखा है। एक तरफ क्षेत्र की जनता रोजगार से लेकर प्रदूषण तक की मार झेल रही है वही दूसरी तरफ हमारे जन प्रतिनिधि समाज सेवी जनता के रक्षक कहे जाने वाले भक्षक जनता की आड में एसीसी से सुविधाएं ले रहे हैं। यहां तक की क्षेत्रीय विधायक जो की मध्यप्रदेश के सबसे अमीर विधायक के रूप में जाने जाते हैं वह भी जनता की फरियादों को दरकिनार कर एसीसी की सुविधा में लिप्त हैं। विधायक के नाम पर कैमोर विधायक प्रतिनिधि एसीसी से रोजगार के नाम पर अनेकों ठेके ले रखे हैं। इसी बात का फायदा उठा कर एसीसी क्षेत्र का शोषण कर रही है। जनता को मिलने वाली सुविधा एक जन प्रतिनिधि उठा रहा है जिसके एवेज में एसीसी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है। 


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