प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास का आदेश विकास भवन की फाइलों में खा रही है धूल, फाइलों में बार बार दब रहा है आदेश | New India Times

राहुल यादव,भदोही (यूपी), NIT; ​प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास का आदेश विकास भवन की फाइलों में खा रही है धूल, फाइलों में बार बार दब रहा है आदेश | New India Timesप्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास का आदेश विकास भवन की फाइलो में पुनः दब कर धूल खा रहा है। मई 2016 के आदेश के पांच माह के उपरांत जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार एडवोकेट आदर्श त्रिपाठी के शिकाय के उपरान्त जिला विकास अधिकारी से लेते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी के द्वारा वरिष्ठ बाल विकास परियोजना अधिकारी को दे दिया गया था, परंतु जिला कार्यक्रम अधिकारी भदोही के तबादले के उपरांत पुनः शासन के आदेशों की धज्जियाॅ उड़ाते हुए अपर उप जिलाधिकारी को चार्ज दे दिया गया। दूसरे विभाग के अफसरों का प्रभार बदलने से विभागीय कामकाज बेपटरी हो गया है। एडवोकेट आदर्श त्रिपाठी ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर आदेश को प्रभावी करने की माँग की है। शासन की महत्वाकांक्षी हौसला पोषण मिशन योजनाओं को चलाने वाले बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में गत कई माह से खाली चल रहा है। इसमें कुपोषित बच्चों और धात्रियों की सेहत बेहतर करने वाली विभाग की सेहत खुद ही खराब हो गई है।अलग-अलग विभागों के अधिकारीयों को चार्ज देने से योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। कभी जिला विकास अधिकारी तो कभी परियोजना निदेशक तो कभी खादीग्रामोद्योग अधिकारी व अब अपर उप जिलाधिकारी को प्रभार दिया गया है। ​​प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास का आदेश विकास भवन की फाइलों में खा रही है धूल, फाइलों में बार बार दब रहा है आदेश | New India Timesपूर्व में प्रमुख सचिव ने 31 मई 2016 को आदेश जारी किया था कि जिन जिलों में जिला कार्यक्रम अधिकारी ना हो तो वहाँ का चार्ज सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ बाल विकास परियोजना अधिकारी को दिया जाए। पूर्व की भांति दो माह बीत जाने के उपरांत पुनः शासन के आदेशों को प्रभावी बनाने से रोका जा रहा है। इससे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। जिस पर त्रिपाठी के द्वारा की गई शिकायत पर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के आदेशों की दुहाई देते हुए शिकायती पत्र से पल्ला झाड् लिया गया है।

योजनाओं के संचालन में होती है दिक्कत

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार लगातार बदलने से विभाग के कर्मचारी परेशान हैं।द बी जुबान में कर्मचारी अपनी पीड़ा बताने से भी नही हिचक रहे हैं। उनका आरोप है कि सम्बन्धित विभाग के अधिकारी ना होने से योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कतें आ रही हैं।


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