मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
बुरहानपुर में ईद मिलादुन्नबी के पवित्र अवसर पर मरकज़ ए अहले सुन्नत के उलेमाओं के नेतृत्व में जहां जुलूस ए मोहम्मदी का आयोजन किया जाता है, वही बरसों पुरानी एक और परंपरा है जो अपने आप में अंगूठी भी है। यहां उतावली नदी पर मगरिब की विशेष नमाज़ अदा की जाती है जिसमें शहर सहित अनेक शहरों के लोग यहां आकर नमाज़ अदा करते हैं। इसी के साथ यहां बुरहानपुर के प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत शाह भिखारी रहमतुल्ला अलेह का उर्स भी बड़े धूम धाम से कदीमी रिवायत के अनुसार यहां के सज्जादा नशीन हजरात के नेतृृत्व में मनाया जाता है।
उतावली नदी पर मगरिब की विशेष नमाज हर साल की तरह इस साल भी शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर के खतीब व इमाम हज़रत सैयद मोहम्मद इकराम उल्लाह बुखारी ने अदा करवाई, वहीं इस बार का मंज़र बदला हुआ था। पिछले साल तक जहां मुतावल्ली के तौर पर हज़रत ईकराम उल्लाह बुखारी साहब के बड़े भाई मरहूम सैयद तिलत तमजीद बुखारी खिदमत अंजाम देते थे।
वहीं इस बार नए मुतवल्ली एवं युवा धार्मिक विद्वान हज़रत सैयद मोहम्मद अनवार उल्लाह बुखारी ने कुशलतापूर्वक यहां की कमान संभाली थी और उनके नेतृत्व में मगरिब की नमाज का इंतजाम वा इंसेराम किया गया था। शांतिपूर्वक तरीके से आयोजित होने वाली नमाज़ में जहां हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय लोग शिरकत करते हैं, वहीं पुलिस प्रशासन का इंतजाम भी सराहनीय रहता है। मुस्लिम समाज जन इस्लाम के आखिरी पैगंबर और नबी हज़रत मोहम्मद साहब का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम मनाते हैं। जिसे ईद मिलादुन्नबी कहा जाता है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.