गुटबाजी में जमकर चले पत्थर, आवाम भरोसे जामनेर, क्या भयमुक्त वातावरण में हो पाएगा विधानसभा का चुनाव ? | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

गुटबाजी में जमकर चले पत्थर, आवाम भरोसे जामनेर, क्या भयमुक्त वातावरण में हो पाएगा विधानसभा का चुनाव ? | New India Times

4 सितंबर की रात जलगांव जिले के जामनेर तहसील अंतर्गत शेंदूर्णी कस्बे में दो गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी की गई है। जानकारी के मुताबिक शाम को किसी कसरत केंद्र में युवकों की आपस में कहासुनी हो गई। देर रात 8 से 9 बजे के बीच मामले ने तूल पकड़ लिया और बदहवास लोगों की ओर से एक दूसरे के घरों पर हमले करने का प्रयास किया गया। इसी दौरान भीड़ बढ़ती गई और जमकर पत्थर चले।

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पहुर, फत्तेपूर, जामनेर से पुलिस बल मौका ए वारदात पर पहुंचा, आरक्षित जवानों की तैनाती का इंतजाम कराया गया। इस सामान्य हिंसाचार की घटना को असामान्य रूप लेने के पहले नियंत्रण में लाया गया। पथराव में कुल 10 लोगों के घायल होने की सूचना है। पुलिस प्रमुख डॉ महेश्वर रेड्डी ने हिंसा ग्रस्त इलाके का निरीक्षण किया। ज्ञात हो कि बरसों से शेंदूर्णी रूढ़िवादी विचारों को ढोने वाले तत्वों का प्रभाव क्षेत्र रहा है। छद्म शक्तियां आए दिन शेंदूर्णी में होने वाले आपसी झगड़ों में दो समुदायों के बीच नफरती भावना को हवा देती रहती है और कानून व्यवस्था खराब होते रहती है।

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सालों से किराएदार पुलिस: पहुर पुलिस स्टेशन के अधीन आने वाले 25 हजार आबादी वाले शेंदूर्णी में एक पुलिस चौकी है जो किराए की रूम से चलाई जाती है। पहुर में आज 70 पुलिस कर्मचारीयों का स्टाफ है, भाजपा नेता गिरीश महाजन के प्रयासों से फत्तेपुर थाना बन गया लेकिन शेंदूर्णी में एक प्रशस्त चौकी नहीं बन सकी जहां प्रशासन की ओर से माकूल तरीके से पुलिस बल की तैनाती की जा सकेगी।

आवाम भरोसे जामनेर: शेंदूर्णी में पनपे हिंसात्मक तनाव की खबर मिलते हि रात 9:30 को जामनेर पुलिस टीम थाना प्रभारी मुरलीधर कासार के साथ घटना स्थल के लिए निकली। इधर 50 हजार की आबादी वाला जामनेर शहर नागरिक विवेक के भरोसे छोड़ दिया गया‌। पुलिस को जामनेर शहर के अतीत के मद्देनज़र शरारती तत्वों की साम्प्रदायिक मानसिकता से उपजने वाली गंभीर परिस्थिति को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी है।

जून 18, 2002 के दिन तनाव पहुर में पैदा हुआ, पुलिस ने भारी संख्या में सुरक्षा बल जामनेर में तैनात किया बावजूद इसके व्यापक स्तर पर जातीय हिंसाचर घट गया जिसमें कई लोगों को जान गवाना पड़ी थी। पहुर, फत्तेपुर, तोंडापुर, शेंदूर्णी, पालधी नेरी यह 15 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बे हैं। क्षेत्र में दर्जनों वोटिंग बूथ संवेदनशील है, विधानसभा का चुनाव भयमुक्त वातावरण में संपन्न होने के लिए ज़िला पुलिस अधीक्षक को जामनेर ब्लॉक पर व्यक्तिगत रूप से विशेष ध्यान रखना होगा।


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