बार-बार जागरूक करने के बावजूद भी अवाम सस्ते टूर की लालच में हो रहे हैं धोखाधड़ी का शिकार           | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

बार-बार जागरूक करने के बावजूद भी अवाम सस्ते टूर की लालच में हो रहे हैं धोखाधड़ी का शिकार           | New India Times

ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत ख़ान खंडवा ने मुकद्दस हज और उमरा टूर में सस्ते टूर के नाम पर गरीब अवाम से की जा रही धोखाधड़ी पर यह विशेष आलेख (स्पेशल स्टोरी) कलमबंद की है। हज और उमरा पर जाने वाले मुस्लिम समाज जनों के लिए यह स्टोरी लाभदायक है। कोरोना कॉल के बाद से हज-उमराह के खर्च में हुई बेइंतिहा बढ़ोतरी के बाद अब मौजूदा दौर में कोई ये कहे कि 15 दिन का उमराह महज़ 45 या 50 हज़ार में, तो यक़ीनन हैरत होगी, जो सब कुछ जानता-समझता है वह तो यही कहेगा कि ग्रुप लीडर वहां ले जाकर परेशान करने के अलावा कुछ नही करेगा, लेकिन इन दिनों जो वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो रही है और एयरपोर्ट पर पकड़ी-धकड़ी के जो केस देखने-सुनने को मिल रहे हैं वह कुछ और ही कहानी बयान कर रहे हैं। हज उमराह जैसे मुक़ददस सफ़र भी अब माफियाओं के चंगुल में आ गए हैं जिस वजह से दहशत का माहौल है। जब थानो में हज-उमराह माफियाओं को लेकर प्रकरण दर्ज होते हैं तब वहां बैठे ऑफिसर ये कहते सुने जाते हैं कि हज-उमराह जैसे पवित्र काम को भी लोगों ने ख़राब और गंदा कर दिया है। गैर लोगों के मुंह से निकली इन बातों पर शर्मिंदगी महसूस होती है।

पिछले दिनों जोधपुर राज. की एक उमराह ट्रेवल्स कम्पनी ने बहुत ही सस्ते दर पर उमराह का पैकेज निकाला।उमराह पर जाने की दिली तमन्ना रखने वाले भोले-भाले लोग इनके चक्करों में आ गए और अपना पैसा जमा करा दिए। टूर वाला सस्ता क्यों ले रहा है ?  इसका लोग सवाल इसलिए नही करते कि कहीं टूर वाला गुस्से में जमा रकम वापस ना कर दे। शहर में नामी-गिरामी टूर जिनके 15 दिन के रेट ही 85 से 90 हज़ार के बीच होंगे लोग इनको महंगा टूर बोलकर कन्नी काट लेते हैं और फंस जाते हैं सस्ते की लालच में।

खिदमत के नाम पर धोखे का खेल

जोधपुर की इस ट्रेवल कम्पनी ने अपने ग्रुप को खिदमत का नाम देकर लोगों को सस्ते दामों पर उमराह कराने का लालच दिया।उमराह पर जाने वालों का मकसद तो मक्का-मदीना जाकर अपने अरकानों की अदायगी करना था लेकिन टूर के इंतेज़ामिया, उमराह की आड़ में गौरख धंधा करने का मकसद रखे हुए थे। उन्होंने सऊदी अरब में बैन की गई दवाईयां अपने ज़ाएरीनों के सामान के साथ रखकर सऊदी ले जाने की प्लानिंग कर रखी थी, लेकिन जद्दा एयरपोर्ट पर उमराह जा रहे लोगों के सामान की जांच करने पर इस ट्रेवल कम्पनी का भांडा फूट गया। ज़ाएरीनो को पापड़ और अचार ले जाने का बोल टूर संचालकों ने उनके सामान के साथ सऊदी में बैन कर रखी तकरीबन 2400 टेबलेट्स रख दी जिसे जांच के दौरान पकड़ लिया गया।टूर संचालक इसकी आड़ में मोटी रकम कमाना चाहते थे और इनके साथ जाने वाले उमराह करना बहुत सस्ता समझ रहे थे। जद्दा एयरपोर्ट पर संचालक के खिलाफ केस दर्ज उसे हिरासत में ले लिया गया है, सऊदी सरकार ने भारत के विदेश मंत्रालय को जाँच के आदेश दिए है, जाँच एजेंसिया इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही ड्रग्स तस्करी से जोड़कर देख रही हैं,

मौलानाओं की नुमाइंदगी… सोने पर सुहागा
दूसरी और बहुत से उमराह टूर आर्गेनाइज़र हज उमराह की आड़ में तस्करी करते पकड़े जा रहै हैं, वे आधी क़ीमत पर हज उमराह के रेट निकालते हैं और साथ जाने वालों के सामान के साथ गोल्ड रख देते हैं, लेडिज़ को हाथ में सोने के कड़े देकर पहनकर चलने को कहते हैं ऐसे भी टूर पकड़े जा रहे हैं।

पिछले दिनों चेन्नई में उमराह पर से वापसी आने वालों के बैग से 18 किलो गोल्ड पकड़ा गया, उमराह ज़ाएरीन परेशान है उनकी कोई गलती ना होने के बावजूद उन पर केस दर्ज हुए और टूर संचालक की बदमाशी की वजह से उनका मुक़ददस सफ़र परेशानियों की भेंट चढ़ गया, ताज्जुब इस बात का कि टूर आर्गेनाइज़र इस काम के लिए मस्जिद के मौलाना, क़ारी, आलिम तक को अपना नुमाइन्दा बनाते हैं। उनको एक उमराह सीट की बुकिंग पर 10-15 हज़ार का लालच देते हैं उनको भी नही पता होता है उनको मीडियेटर बनाकर टूर वाले हज उमराह की आड़ में कैसा गेम खेल खेल रहे हैं।

इन दिनों सेटिंग वीज़ा और फुरादा वीज़ा के ज़रिये सस्ते में हज करवाने का चलन भी चल निकला है, जहाँ हज के प्राइवेट टूर से रेट 7 लाख या उससे ऊपर पहुँच रहै हैं वही हज के सैटिंग और फुरादा वीज़े निकाल कुछ गैर रजिस्टर्ड लोग 4 से  5 लाख के बीच में कम्प्लीट हज करवाने का इत्मीनान दिलाकर बुकिंग कर रहे हैं, पहले जो लोग इस तरह होकर आए हैं उनको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

हज,उमराह के नाम पर धोखा धड़ी की शिकायतें तो आए दिन सुनने को मिलती है लेकिन इनके खिलाफ कोई ठोस क़दम नही उठाए जाते, गैर रजिस्टर्ड टूर हज की बुकिंग कर रहे हैं और लोग उनको ले जाकर पैसा भी दे रहे हैं। गलती किसकी है ? लोगों को बेदार (जागरूक ) करने, हज- उमराह माफियाओं से बचाने के लिए और क्या कुछ तरीके अपनाए जाएं समझ से परे हैं।


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By nit

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