कानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी कप्तान की होती है, कलेक्टर और कमिश्नर की नहीं | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:

कानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी कप्तान की होती है, कलेक्टर और कमिश्नर की नहीं | New India Times

यूं तो अंबेडकर नगर अयोध्या अवधपुरी का क्षेत्र है। राम के नाम से अवध नगरी जाना जाता है। रामराज्य की कल्पना और परिकल्पना कितनी सुदृढ़ है उत्तर प्रदेश के इस जिले की क़ानून व्यवस्था पूरी ध्वस्त है।और कानून की ज़िम्मेदारी जिनके कंधों पर है वो मस्त है। सीएम योगी 14 मार्च 2024 अंबेडकर नगर जिले के अकबरपुर सिविल लाइन ग्राउंड में आकर कानून व्यवस्था की दुहाई दे रहे थे। इस बीच कानून व्यवस्था की  सिसकियों के साथ कुछ फरियादी मुख्यमंत्री से मिलकर अपना दुःख दर्द और पुलिस प्रशासन की नाकामी को जाहिर करना चाह रहे थे।

मगर भैंस बकरी कुत्ता खोजने में महारत हासिल करने वाली पुलिस उसे व्यक्ति को जानवरों की तरह खींचकर बाहर फेंक कर आती है। इसी बीच लोकतंत्र के सिपाही की भी हत्या होती है, हजारों की भीड़ में पुलिस कप्तान द्वारा कैमरा आईडी छिनने की वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरफ फैल गई। पुलिस की बर्बरता की कहानी उत्तर प्रदेश की सरकार के कानों तक भी गई। पुलिस के बड़े अधिकारियों ने कैमरे पर हाथ लगाकर कैमरा बंद करवाया और पीछे से धक्का देते हुए बाहर तक ले आए। और पुलिस ने अपनी तानाशाही रवैया से अपना इकबाल बुलंद किया। वैसे भी अंबेडकर नगर में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। थानों पर फरियादियों की फरियाद तक नहीं सुनी जाती।

आश्वासन की घुट्टी पिलाकर विदा कर दिया जाता है।जिसका उदाहरण है कि एसपी दफ़्तर के बाहर फरियादियों की लंबी लाइन लगी होती है। सीएम योगी आदित्यनाथ जी द्वारा राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं और कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश अपराध मुक्त हो गया है। गुंडों और अपराधियों का सफाया हो गया है। अपराधियों और माफियाओं को जेल में बंद कर दिया गया है। प्रदेश में लोग भय मुक्त हो आराम से जीवन जी रहे हैं। जबकि हकीकत इसके ठीक विपरीत है।

अंबेडकर नगर में कोई ऐसा दिन नहीं गुज़रता है, जब कोई अपराध न होता हो। हत्या, लूटपाट, मारपीट, बलात्कार, महिला अपराध और अपराधियों एवं माफियाओं द्वारा किसी न किसी की ज़मीन-जायदाद पर अवैध कब्जा करने जैसी घटनाएं रोज़ घटित होती हैं। योगी सरकार का इन पर कोई नियंत्रण नहीं है। कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत ही ख़राब है। लेकिन योगी आदित्यनाथ जी और उनके अधिकारी कागजों में झूठ बोल कर कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर बताकर अपनी पीठ स्वंय थपथपाने का काम करते रहते हैं। बेहतर कानून व्यवस्था की पोल  पुलिस ने स्वयं खोलकर रख दिया है।

कई ऐसी घटनाएं हैं जो पुलिस खुलासा करने में नाकाम साबित हो रही है। शहजादपुर गहना कोठी से जुड़ा मामला जहां पिता कृष्ण सेठऔर पुत्र आनंद सेठ की दिनदहाड़े कमरे के अंदर हत्या हो जाती है और 8महीने बाद भी पुलिस इस घटना का खुलासा करने में नाकाम रही। दिनदहाड़े चैन स्नेचिंग के दर्जनों मामले 1 वर्ष  बीतने के बावजूद भी कोई खुलासा नहीं। अनगिनत चोरी लूट हत्या की घटनाएं हो चुकी है। और जिले में प्रतिदिन एक न एक आपराधिक घटनाएं हो रही है। योगी सरकार बैकफुट पर पहुंच गई है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने चुनावी जनसभा में राज्य सरकार की खराब कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं और योगी सरकार की खूब आलोचना की है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading