रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

पुज्य श्री विधान विजय जी म.सा. का चतुर्थ दीक्षा दिवस मनाया गया। सामायिक व गुणानुवाद सभा का आयोजन हुए। साध्वी उर्मिला कुमारी मसा के प्रवचन हुए। अंत में प्रभावना मेहता परिवार की और से वितरित की गई। परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य भगवन्त श्रीमद विजय जयानन्द सुरिश्वर म.सा.के शिष्य झाबुआ के नन्दन प.पुज्य मुनिराज श्री विधान विजयजी म सा के दीक्षा के तीन वर्ष पूर्ण होने पर सकल जैन श्री संघ झाबुआ द्वारा श्री ऋषभदेव बावन ज़िनालय स्थित श्री राजेंद्र सूरीपोषध शाला में पूज्य महाश्रमण जी की सुशिष्या उर्मिला कुमारी जी आदि ठाना -४ की निश्रा में सामूहिक सामयिक एवं गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर पूज्य साध्वी श्री उर्मिला कुमारी जी मसा ने कहा कि भोगी व्यक्ति संग्रह करने में लगा है जबकि त्यागी व्यक्ति छोड़ने का कार्य करता है। जो त्याग की भावना रखता है उसके सामने दुनिया झुकती है आपने कहा कि जिसके मन में त्याग की भावना आ जाये उसका जीवन आनंदमय हो जाता है आपने कहा की तलवार की ताक़त वाला परास्त हो जाता है किंतु आत्मा की ताक़त यदि विकसित हो जाये तो उसे कोई परास्त नहीं कर सकता है हमेशा विजय होता है। जब त्याग की भावना जीवन में आ जाएगी तो साधुत्व अपने आप आ जाता है।

यहां बड़ी संख्या में समाजजनों ने उपस्थित होकर पूज्य मुनिराज के दीक्षा दिवस पर अनुमोदना की।
सर्व प्रथम नवकारमंत्र का जाप और मंगलाचरण पूज्य साध्वी श्री ने श्रवण करवाया। इस अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष मनोहर भंडारी ने कहा की पूज्य विधान विजयजी म सा जिनका सांसारिक नाम शाश्वत जी मेहता रहा और संजय जी मेहता के पुत्र हे, प्रारम्भ से ही दीक्षा लेने हेतु आत्मबल मज़बूत रहा और द्रड संकल्पित थे साथ ही झाबुआ का मेहता परिवार भी धन्य है जिन्होंने दीक्षा लेने की आज्ञा प्रदान की।

श्री वर्धमान स्थानक श्री संघ के श्री प्रवीण रुनवाल ने कहा की दीक्षा ग्रहण कर पूज्य विधान विजयजी मसा ने अपने जीवन में मोक्ष मार्ग को प्रशस्त किया। तेरापंथ संघ के श्री पंकज कोठारी ने कहा की सयंम मार्ग अत्यंत ही कठिन मार्ग से पूज्य विधान विजय जी मसा अपने सयंम जीवन में उत्तरोत्तर प्रगति करें एसी कामना करते हैं। इस अवसर पर मेहता परिवार की और से प्रभावना भी वितरित की गई। कार्यक्रम में श्वेतांबर समाज, स्थानकवासी समाज और तेरापंथ समाज के वरिष्ठ श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे। संचालन डाक्टर प्रदीप संघवी ने किया और आभार संजय मेहता ने माना।
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