नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

कल्याण से भाजपा विधायक गणपत गायकवाड द्वारा पुलिस स्टेशन के अंदर अपने प्रतिद्वंदी पर गोलीबारी की घटना के बाद से राज्य में हर रोज़ कहीं ना कहीं हिंसा की घटनाएं सामने आ रही है। भाजपा नेता गिरिश महाजन के निर्वाचन क्षेत्र जामनेर के पहूर में आयोजित VJNT के आंदोलन में शामिल लोगों ने भाजपा के पदाधिकारियों पर जानलेवा हमला कर दिया गाड़ियों की तोड़फोड़ की। इस प्रकरण में परदे के पीछे मास्टर माइंड कौन है पता नहीं लेकिन पचास से अधिक लोगों को पुलिस ने पार्टी बनाया है। कल रात खनन माफियाओं के गुंडों ने उपजिलाधिकारी को घेरकर लोहे की रॉड से उनका सिर फोड़ दिया। सब डीएम सोपान कासार सरकारी काम से भुसावल की ओर जा रहे थे। NH 53 पर बालू की अवैध ढुलाई करता एक डंपर नज़र आया उन्होंने सहयोगी तहसीलदार को कार्रवाई के निर्देश दिए। मौके पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हि थी कि गुंडों की बिरादरी वाले जमा हो गए।

कासार और सहयोगी तहसीलदार बनसोडे को घेरकर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। अधिकारियों के सरकारी वाहन की तोड़फोड़ की, मामले की जानकारी मिलते हि डीएम आयुष प्रसाद, पुलिस अधीक्षक महेश्वर रेड्डी घटना स्थल पर पहुंचे और घायल सब डीएम को इलाज़ के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ दोषियों को हिरासत में लिया जा चूका है। बालू निति को लेकर राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है, अवैध खनन और माइनिंग के धंधों को मंत्रियों का और मंत्रियों को गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस का सरंक्षण है।

सत्ता में बैठे लोग प्राकृतिक संसाधनों के प्रचंड दोहन से मिलने वाले पैसों से अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों का राजनितिक कुनबा चला रहे हैं। हर एक मंत्री 5 से 10 हजार करोड़ तक की छद्म संपत्ति का धनी बताया जाता है। महाराष्ट्र में जंगलराज जैसा माहौल है मीडिया ने विपक्ष को जनता के बीच से समाप्त कर दिया है। सत्ता का सगा कहलाता प्रशासन सत्ता से खूब प्यार पा रहा है। पुलिस और सरकारी अफसर सुरक्षित नहीं है जनता पूछ रही है की इस प्रकार की तनावपूर्ण स्थिति में लोकसभा के आम चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से कैसे संपन्न होंगे।
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