वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
विश्व कैंसर दिवस के उपलक्ष में एक जागरूकता कार्यक्रम एवं गोष्ठी का आयोजन सोमवार को जिला पुरुष चिकित्सालय में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमएस डॉ आईके रामचंदानी ने की। इस दौरान एनसीडी नोडल जिला पुरुष चिकित्सालय डॉ शिशिर पांडे और जिरियाट्रिक फिजिशियन डॉ शिखर बाजपेई ने बीएससी नर्सिंग और एएनएम की पढ़ाई कर रही छात्राओं को कैंसर होने के कारण और उसके उपचार को लेकर जागरूक किया। इस दौरान सृजन नर्सिंग इंस्टीट्यूट व बन बीट नर्सिंग इंस्टीट्यूट की छात्राओं ने कैंसर को लेकर बनाए गए अपने प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया और उसके बारे में बताया।
क्लोज द केयर गैप की थीम पर जिला पुरुष चिकित्सालय में इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस का आयोजन किया गया। सोमवार को दिवस पर आयोजित गोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सृजन नर्सिंग इंस्टीट्यूट व बन बीट नर्सिंग इंस्टीट्यूट के बच्चों ने कैंसर को लेकर विभिन्न प्रोजेक्ट डॉक्टर्स के सामने प्रस्तुत कर उनके बारे में विस्तार से बताया। वहीं इस दौरान एनसीडी नोडल जिला पुरुष चिकित्सालय डॉ शिशिर पांडे इस वर्ष की थीम क्लोज द केयर गैप पर बोलते हुए कहा कि कैंसर के मरीजों को लेकर बहुत से लोग भेदभाव करते हैं, उन्हें हीन भावना से देखते हैं, जबकि उनके साथ ऐसा करना बेहद गलत है। कैंसर के रोगियों के साथ लोगों को अच्छा व्यवहार करना चाहिए। जिससे उन्हें इलाज में भी काफी मदद मिलती है। कैंसर को छिपाना शायद लोगों में इसीलिए आज एक प्रचलन सा बन गया है, क्योंकि ऐसे मरीजों को कुछ लोग समाज से अलग-अलग करने की कोशिश करते हैं। जिसके कारण इलाज में मरीज दूरी बनाने लगता है।
उन्होंने यह भी बताया कि पान, पुड़िया, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू, खैनी, गुटखा, सिगरेट, शराब आदि का सेवन भी तमाम तरह के कैंसर का कारण बनता है। जिनमें शरीर के अलग-अलग अंगों सहित महिलाओं के विभिन्न अंगों के कैंसर शामिल हैं। वर्तमान समय में पान, पुड़िया, मसाला, खैनी, खाने वालों के कारण मुंह के कैंसर के मामले अधिकतर सामने आ रहे हैं। इसके अलावा स्मोकिंग करने वालों में गले का कैंसर और चेस्ट कैंसर जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं। अल्कोहल के कारण लीवर व अन्य कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। सिर्फ इनसे दूरी बनाकर तमाम तरह के कैंसर से बचा जा सकता है। इसके साथ-साथ कई बार हमारा खान-पान भी तमाम तरह के कैंसर का कारण बनता है। इसलिए हमें अपने खान-पान को भी सुधारना आवश्यक है। जिरियाट्रिक फिजिशियन डॉ शिखर बाजपेई ने कहा कि आज बड़ी संख्या में युवाओं और बुजुर्गों में भी कैंसर जैसी बीमारी फैल रही है। कई बार इनके फैलने का कारण लंबे समय तक इलाज से दूरी को भी देखा गया है।
लोग समस्या का पता चलने के बाद भी काफी समय तक यह नहीं मनाना चाहते कि उन्हें कैंसर जैसी बीमारी हो गई है। जिस कारण वह पहली स्टेज से दूसरी और फिर तीसरी और अंतिम स्टेज तक पहुंच जाते हैं। जिसके बाद उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि इलाज बीमारी का पता चलते ही शुरू कर दिया जाए। आज ऐसे संसाधन दवाएं उपलब्ध हैं। जिसे सही समय पर इलाज शुरू करके इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। दौरान मैट्रन रजनी मसीह ने छात्राओं को मरीजों की देखरेख और इलाज के समय बरती जाने वाली सावधानियां के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन एनसीडी काउंसलर देवनंदन श्रीवास्तव ने किया।
उन्होंने महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए वैक्सीनेशन पर छात्राओं को जागरूक किया और आम जनमानस तक सरकार की इस पहल को पहचाने का अनुरोध किया। इस वैक्सीनेशन से सर्वाइकल कैंसर से काफी हद तक महिलाओं को बचाया जा सकता है। कार्यक्रम में प्रिया सिंह, अदिती, अंजली, वैष्णवी, आयुषी, मानषी, अंशिका, प्रियांशी, प्रीति, निशु ने कैंसर पर बनाए गए अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया। आयुषी और गोल्डी पाल ने कैंसर अवेयरनेस पर अपने विचार रखें। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ मोहम्मद जैगम, डॉ अंबुज कुमार, मनोज मोर्य, नीरज वर्मा, सरिता सिंह, पंकज शुक्ला, बसंत गुप्ता, शकील अहमद, सहित नर्सिंग इंस्टिट्यूट की शिक्षिका अंशिका वर्मा, मानषी शुक्ला, सची शुक्ला, तनु पांडे, व फलक ने विद्यालय की ओर से सहभागिता की और अपने विचार रखें।
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