राजस्थान सरकार ने आदेश जारी करके अनेक मनोनीत लोगों को किया पदमुक्त, नगरपालिका- परिषद - यूआईटी सहित नगर निगम में मनोनीत सदस्यों की भी हुई छुट्टी | New India Times

अशफ़ाक़ क़ायमख़ानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान मे भाजपा सरकार बनते ही एक ही आदेश से पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा गठित राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियां/आयोग/निगम/बोर्ड/टास्क फोर्स इत्यादि में मनोनीत गैर सरकारी अध्यक्ष/उपाध्यक्ष /सदस्यों का मनोनयन रद्ध कर दिया गया है। इस आदेश से कांग्रेस सरकार के द्वारा जाते जाते मनोनीत किये गये नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं को बड़ा झटका लगा है। संवैधानिक दर्जा प्राप्त बोर्ड निगम व अन्य संस्थाओं में नामित व इलेक्टेड सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने पर ही वो पदमुक्त होंगे।
आनन फानन में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा करीब छः दर्जन बोर्ड निगम आयोग व समितियां सहित प्रदेश व जिला स्तर पर मनोनीत लोगों को पदमुक्त करने के साथ मुस्लिम समुदाय से जुड़े मदरसा बोर्ड, उर्दू एकेडमी, हज कमेटी के अध्यक्ष व सदस्य भी पद मुक्त हो गये हैं। वक्फ बोर्ड भंग नहीं होगा लेकिन वक्फ बोर्ड चेयरमैन खानू खान चेयरमैन तो इलेक्टेड हैं पर वो सदस्य इलेक्टेड ना होकर सरकार द्वारा मनोनीत सदस्य होने के कारण वो अब सदस्य नहीं रहे। सदस्य ना रहने के चलते उनके चैयरमैन से हटना तय हो गया। वक्फ बोर्ड के इलेक्टेड सदस्य अपने में से चैयरमैन इलेक्टेड करेंगे या फिर सरकार द्वारा अन्य सदस्यों को फिर नये सिरे से मनोनीत करके चैयरमैन का चुनाव करवा सकती है। यानि खानू खान, आमीन कागजी, एमडी चोपदार व उर्दू एकेडमी के चेयरमैन उक्त आदेश से अपने आप हट गये हैं जिसमें वक्फ बोर्ड के इलेक्टेड सदस्यों को छोड़कर बाकी सभी सदस्य भी पदमुक्त हो गये हैं।


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