गुलशन परूथी, ब्यूरो चीफ, दतिया (मप्र), NIT:
घ्वनि विस्तारक यंत्रों के निर्धारित डेसिबल पर उपयोग करने तथा खुले में बिना लायसेंस के मछली एवं पशु मांस बेचने के संबंध में कलेक्टर संदीप माकिन की अध्यक्षता में गुरूवार को जिला शांति समिति की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें ध्वनि विस्तारक यंत्रों का निर्धारित डेसिबल पर उपयोग करने और खुले में मांस मछली न बेचने के संबंध में राज्य शासन के दिश निर्देशों की जानकारी दी गई। जिला पंचायत दतिया के सभाकक्ष में आयोजित शांति समिति की बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील शिवहरे, एसडीएम दतिया ऋषि कुमार सिंघई, भाण्ड़ेर मोहम्मद इकबाल सहित विभिान्न धर्मो के धर्म गुरू एवं शांति समिति के पदाधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री माकिन ने ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के संबंध में राज्य शासन के निर्देशों की बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों, लाऊड स्पीकर/डीजे निर्धारित डेसिबल से अधिक पर उपयोग न किया जाये। उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग ध्वनि विस्तारक यंत्रों का डेसीबल निर्धारित किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र के लिए दिन में 75 और रात्रि में 70 डेसिबल, व्यापरिक क्षेत्र में दिन में 65 और रात्रि में 55, रहवासी क्षेत्र में दिन में 55 और रात्रि में 45 और साईलेंस जोन में दिन में 50 और रात्रि में 40 डेसीमल पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा।
संदीप माकिन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि* विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध है। उन्होंने बताया कि निर्धारित डेसीमल से अधिक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की जांच करने हेतु जिले में समिति एवं उड़न दस्ते गठित किये गए हैं। इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भी रखा गया है। जबकि जुलूस, रैली आदि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के लिए प्राधिकृत अधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक होगा। कलेक्टर संदीप माकिन ने कहा कि खुले में तथा शिक्षण संस्थाओं एवं धार्मिक स्थलों की 100 मीटर की दूरी पर मांस, मछली का खुले में विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इसके लिए विक्रय हेतु लाईसेंस लेना होगा। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने कहा कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों के डेसिबल को जांचने हेतु जिला स्तर पर समिति गठित की गई है। जो प्रति सप्ताह समिति ध्वनि विस्तारक यंत्रों के वॉल्यूम की जांच भी करेगी।
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