भारत में सीओपीडी व अस्थमा से लगातार बढ़ रही है मौतें: डाॅ. मधुरमय | New India Times

अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मण्डलीय ईको कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर कार्यरत् सी.एच.ओ. के ज्ञानवर्धन हेतु ‘सी.ओ.पी.डी./अस्थमा- प्राथमिक उपचार व रोकथाम’ विषय पर वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार को सम्बोधित करते हुये एम.एल.बी. मेडिकल कॉलेज के टी.बी. एवं चेस्ट डिपार्टमेन्ट के विभागाध्यक्ष डा. मधुरमय शास्त्री ने बताया कि ग्लोबल वर्डन ऑफ अस्थमा एण्ड सी.ओ.पी.डी. की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सी.ओ.पी.डी. व अस्थमा के मरीज अन्य देशों की तुलना में सर्वाधिक हैं वहीं दूसरी ओर इससे होने वाली मौतों के मामलों में भारत दूसरे स्थान पर है जोकि एक चिन्ता का विषय है। इसी प्रकार अस्थमा का प्रिवलेंस और मौत के मामले में भारत की स्थिति चिंताजनक है।

सी.ओ.पी.डी. व अस्थमा जैसी फेफड़ों की बीमारियों में वृद्धि के लिये जहाँ एक ओर प्रदूषण मुख्य कारण है वहीं दूसरी ओर अनेक सामाजिक कारण तथा इस बीमारी के प्रति सजगता की कमी है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर कार्यरत् सी.एच.ओ. मरीजों के समय से उपचार के लिये एक ऐसे सम्पर्क सूत्र हैं जिनके माध्यम से मरीजों के अस्थमा व सी.ओ.पी.डी. के लक्षणों की प्रारम्भिक पहचान कराते हुये उन्हें समुचित उपचार दिलाया जा सकता है। डा. शास्त्री ने बताया कि सांस का फूलना यह दर्शाता है कि सांस की नलियों में सूजन या सिकुड़न है जिसके सही उपचार न होने से मरीज को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है यहाँ तक कि मृत्यु भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में मरीज स्वयं से दवा न लें बल्कि रजिस्ट्रर्ड मेडिकल प्रेक्टीशनर से ही परामर्श के बाद ही दवाएँ लें। उन्होंने यह भी बताया कि इन्हेलेशन थेरपी अस्थमा व सी.ओ.पी.डी. का कारगर उपचार है।

सेमिनार के दौरान एन.एच.एम. के मण्डलीय परियोजना प्रबंधन आनन्द चौबे ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत एन.सी.डी. बीमारियों के उपचार हेतु सभी हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर पर्याप्त दवाईयाँ व सी.एच.ओ. के माध्यम से परामर्श सेवाएँ उपलब्ध हैं। साथ ही मच्छर भगाने के लिये उपयोग की जाने वाली एक क्वाइल सौ सिगरेट के बराबर नुकसानदेह होने के कारण बेहतर है कि मच्छरदानी का उपयोग करें। सेमिनार में झाँसी मण्डल के तीनों जिलों के लगभग 300 सी.एच.ओ. ने भाग लिया। सेमिनार का संचालन मण्डलीय परियोजना प्रबंधक, एन.एच.एम. आनन्द चौबे ने किया। सेमिनार में सी.एच.ओ. द्वारा उपचार की व्यवस्थाओं के बारे में अनेक प्रश्न पूछे गये जिनका विषय विशेषज्ञ द्वारा उत्तर दिया गया। कार्यक्रम में सुनील कुमार सोनी, मो.अतीब, धीरज सिंह चौहान, जय प्रकाश, सरस्वती, अंजली, सुमित, नरेश, विष्षु त्यागी, अभिलाषा, अंकित पटेल आदि ने भाग लिया।

सी.ओ.पी.डी./अस्थमा की सामान्य पहचान/लक्षण👇
• लगातार खांसी, बलगम का उत्पादन बढ़ना,
• सांस लेने में तकलीफ (विशेषकर जोरदार परिश्रम के बाद),
• घरघराहट और सीने में जकड़न होना
• अचानक वजन का कम होना

सीओपीडी/अस्थमा के कारण
अधिकांश मरीज जो लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं और जितने अधिक तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते हैं, उतनी ही अधिक सीओपीडी विकसित होने की संभावना रहती है। सिगरेट, सिगार के धुएं, पाइप/हुक्का के धुएं और सेकेंड हैंड धुएं के कारण भी सी.ओ.पी.डी./अस्थमा हो सकता है।

संलग्न:- डा. मधुरमय शास्त्री व सेमिनार की व आनंद चौबे का फोटो।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading