रतलाम सहित अन्य शहरों को करना होगा फिलहाल इंतज़ार | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:

रतलाम से छोटे शहर में नीमच व मंदसौर में हवाई सुविधा के मामले में निजी प्रशिक्षण केंद्र खुल गए।
एक तरफ उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद धार्मिक से लेकर पर्यटन व अर्थ की नजर में महत्व बढ़ा है, दूसरी तरफ संभाग के शहरों में सुविधाओं की बात की जाए तो हालात पांच साल पहले के ही है। रतलाम से छोटे शहर में नीमच व मंदसौर में हवाई सुविधा के मामले में निजी प्रशिक्षण केंद्र खुल गए, लेकिन इस मामले में रतलाम ही नहीं, बल्कि संभाग के अन्य जिले भी सुविधा से दूर हैं। उज्जैन संभाग के बडे़ शहरों के लिए किया जा रहा हवाई सेवा विस्तार का दावा फिलहाल हवा में है। हवाई पट्टी को विस्तारित करने के प्लान तो बना लिए गए हैं, लेकिन कहीं चंद दिनों की कवायद के बाद प्रक्रिया ठहर गई तो निजी समूहों का कंधा लेकर हवाई सेवा योजना को गति दी जा रही है। यहीं नहीं, कुछ शहर तो ऐसे भी जहां उनकी हवाई पट़्टी तक नहीं है, ऐसे शहरों में तो वर्ष 2023 के समाप्त होने तक हवाई सेवा के लिए जमीन तैयार करना भी संभव नहीं लगता।

रतलाम सुविधा से दूर

नमकीन के शहर व रतलाम- झाबुआ संसदीय क्षेत्र के सिटी रतलाम में हवाई सेवा के लिए बंजली रोड की हवाई पट्टी का आधुनिक करने का प्लान बना था। कुछ माह पहले एक निजी कंपनी के जरिए सर्वे भी होना था, लेकिन सर्वे के लिए बजट का आवंटन ही नहीं किया गया। वहीं, सेवा विस्तार के लिए आवश्यक अतिरिक्त भूमि को लेकर भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है।

मंदसौर-नीमच में प्रशिक्षण केंद्र

उज्जैन संभाग के मंदसौर और नीमच में हवाई सेवा के बजाय हवाई पट्टी के व्यावसायिक उपयोग और प्रशिक्षण केंद शुरू हो गया। मंदसौर में करीब 14 करोड़ तो नीमच में 6.50 करोड़ से अधिक की लागत से हवाई पट्टी को प्रशिक्षण केंद्र के संचालन के लायक बनाया।

अभी हवाई सेवा में लगेगा वक्त

रतलाम में हवाई सेवा विस्तार में अभी कुछ समय लगेगा, सर्वे हो चुका है, लेकिन भूमि की अधिक जरूरत है। ऐसे में स्थान बदला जा सकता है। वर्तमान में बंजली हवाई पट्टी में छोटे विमान उतर पाए, इस लायक उसका रखरखाव किया है।


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