नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
‘हम तीनों दल मिलकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लोकसभा की सभी 48 सीटें जीतेंगे, नतीजों को लेकर आज तक मैंने जो कुछ कहा वो सच साबित हुआ है।’ फिटनेस के सवाल पर प्रतिक्रिया स्वरूप कैमरे के सामने मंत्री गिरीश महाजन के बयान से उनके चेहरे पर दिखते आत्मविश्वास के पीछे की असली हकीकत नतीजों के बाद पता चलेगी लेकिन एक सच्चाई यह है कि फडणवीस सरकार में पूरे पांच साल सिंचाई मंत्री रहे महाजन के निर्वाचन क्षेत्र जामनेर के कई गांवों को टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा है। 12 तालाब सूख गए हैं, जलगांव जिले के 16 प्रोजेक्ट में चार महीने का पानी शेष है। सबसे बड़े डैम वाघुर में आज 55 फीसद शेष पानी है जबकि हतनूर 35, गिरना 35, मोर 60, अंजनी 45, बहुला 10 प्रतिशत पानी है। अग्नावती, भोकरबारी, गुल, हिवरा में एक बूंद पानी नहीं है। शेलगांव बैरेज, बोदवड़ लिफ्ट, जामनेर वाघुर लिफ्ट का काम ठप पड़ा है। पाडलसरे के मूर्त निर्माण का मामला नेताओं ने अमलनेर विधानसभा सीट जीतने तक सीमित बना दिया है। New india Time’s ने अपनी न्यूज रिपोर्ट्स में कई बार सूखे की स्थिति की ओर इशारा किया था। अगस्त बीतने को है जिले में अब तक मात्र 300 मिलीमीटर बारिश हुई है। वाघुर डैम से जलगांव, जामनेर समेत अन्य 35 छोटे छोटे गांवों को पेयजल आपूर्ति की जाती है। वाघुर से लगभग सात लाख आबादी की प्यास बुझाई जाती है। अमृत योजना से शेंदूर्णी के लिए मंजूर की गई 70 करोड़ की योजना के काम में प्रशासन और ठेकेदार की मिलीभगत से करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार हो रहा है। जामनेर ब्लॉक में बीते तीस साल में पेयजल आपूर्ति योजनाओं पर एक हजार करोड़ रूपए बर्बाद कर दिए गए हैं। सूखे की स्थिति में सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च कर जलजीवन मिशन योजनाओं के ठेकों के माध्यम से केडर मजबूत किया जा रहा है। राजनीति में जब आंकड़े बदलते हैं तब सदन में सवालों से भागने वाले नेताओं को “तब किसकी सरकार थी…. ” इस एक लाइन का सहारा होता है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.