फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
सरकार प्रदेश में बेहतर परिवहन ब्यवस्था देने के लिए प्रयासरत है जिसके लिए सरकार ने परिवहन नियमों में काफी बदलाव भी किए हैं। वहीं नियमों का पालन करवाने के लिए संभागीय परिवहन अधिकारी व ट्रैफिक पुलिस लगाकर प्रदेश में डग्गामार वाहनों व इनसे होने वाले हादसों पर अंकुश लगाने में कामयाबी पाने के लिए प्रयासरत है पर लगता है कि डग्गामार बसों का संचालन रोकना शायद सरकारी तंत्र के बूते से बाहर की बात हो रही है।
आप को बताते चलें कि जनपद की सीमा से दर्जनों से भी अधिक डग्गामार वाहन गुजर रहे हैं, जो कि बिना वैध कागजात सवारियां ढो रही हैं लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की जा रही है। जबकि विधानसभा पयागपुर अंतर्गत कई जगहों से डग्गामार बसें जनपद की सीमा पार करते हुए दिल्ली गाजियाबाद हरियाणा पंजाब आदि कई प्रदेशों को जाती है जिनपर परिवहन विभाग का किसी प्रकार का कोई अंकुश नही रहता,न ही पुलिस प्रशाशन इनपर किसी प्रकार का कोई अंकुश लगा रहा है।परिणाम स्वरूप दुर्घटना के रूप में क्षेत्र के लोग डग्गामार वाहनों के पलटने से चोटिल भी होते है बावजूद इसके संचालन बन्द नहीं है।वहीं बिशेश्वर गंज के पुरैना बाजार के नहर पटरी से भी डबलडेकर बस का संचालन किया जाता है,जबकि एआरटीओ बहराइच ने बिशेश्वरगंज से इकौना मार्ग पर डबलडेकर चलने के सवाल पर बताया कि सिंगल रोड पर तो इसकी परमिट की नहीं होती जांच कराकर जरूर कार्यवाई की जाएगी पर पन्द्रह दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक एआरटीओ बहराइच के द्वारा ऐसे बसों के संचालन पर कार्यवाई न करना विभाग को सवाल के घेरे में खड़ा करता है।वहीं पयागपुर को नगर पंचायत का दर्जा मिलने जे बाद यहाँ पर चौराहे पर नगर की ट्रैफिक ब्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक इंस्पेक्टर व सिपाहियों को तैनात किया गया है पर मामला वही ढाक के तीन पात की तरह ही है।चौराहे पर डग्गामार वाहनों का रुकना सवारियां बैठना जाम लगना आदि पहले की तरह ही हो रहे हैं।
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