मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब निर्माण में लाखों की राशि का हेरफेर कर भ्रष्टाचार करने का लगा आरोप | New India Times

त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब निर्माण में लाखों की राशि का हेरफेर कर भ्रष्टाचार करने का लगा आरोप | New India Times

मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण अंचलों के लोगों को रोजगार के लिए और साथ देने के लिए मनरेगा जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे वहां के निवासरत लोगों को रोजगार मिल सके एवं वो अपना भरण-पोषण व्यवस्थित तरीके से कर सकें. मनरेगा योजना अंतर्गत पंचायत के कई निर्माण कार्य ग्रामों में मजदूरों से कराए जाते हैं लेकिन शासन की इस योजना को पलीता लगाने में ग्राम पंचायत के सचिव कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और मुख्यमंत्री तथा पंचायत मंत्री के सपनों को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं. ऐसा ही ताजा मामला सागर जिले की देवरी जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मानेगांव में देखने मिला जहां पर मानेगांव पंचायत के ग्राम डूंगरिया मैं मनरेगा योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे तालाब निर्माण कार्य में जेसीबी मशीन से कार्य कराया गया ब तालाब निर्माण में शासन द्वारा स्बीकृत राशि करीब 8 लाख मैं करीब एक से दो लाख का काम मात्र कराया गया जिसमें बाकी राशि का खुलेआम भ्रष्टाचार कर कागजों में तालाब को पूर्ण बताया गया.

मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब निर्माण में लाखों की राशि का हेरफेर कर भ्रष्टाचार करने का लगा आरोप | New India Times

वही ऐसा ही हाल पूर्व में बने तालाब मैं करीब 10 लाख का तालाब निर्माण कराया गया था जिसमें वर्तमान में तालाब का पुनः गहरीकरण ब सुधार एवं पिचिंग के नाम पर करीब सात लाख की राशिफिर से उपयोग कर उस राशि का भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है ऐसा ही पूर्व में करीब तीन लाख लागत से छोटा सा तालाब निर्माण किया गया था उसमें भी दिखावा मौत के लिए काम करा कर राशि का आहरण किया गया वही एक तालाब और बनाया गया था जिसकी लागत करीब एक लाख से दो लाख थी जिस में भी दिखावा मात्र के लिए काम करा कर राशि का आहरण किया गया ग्राम पंचायत मनरेगा में करीब 30 लाख की लागत की राशि का तालाबों के निर्माण में उपयोग कर खुला भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसको लेकर सब इंजीनियर वरिष्ठ अधिकारी चुप्पी साध का बैठे हुए हैं और पंचायत में सचिव सह सचिव द्वारा खुलेआम शासन की राशि को भ्रष्टाचार की भेंट चढाया जा रहा है वहीं ग्रामीणों का कहना है की ग्राम पंचायत में सचिव सरपंच की मनमानी से ऐसे कार्य लगातार किए जा रहे हैं व हम लोगों को मनरेगा के कार्यों में मजदूरी में नहीं लगाया जाता तथा फर्जीवाड़ा कर शासन की राशि का आहरण किया जाता है.

आपके द्वारा पूरे मामले में जानकारी प्राप्त हुई है, जिला पंचायत सीईओ एवं जनपद सीईओ को पूरे मामले में जांच कराकर कार्रवाई करने के लिए निर्देश देता हूं: दीपक सिंह आर्य, कलेक्टर सागर.


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading