अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
झांसी ईदगाह में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें देवबंदी, बरेलवी और शिया उलमा ए इकराम व आवाम ने आपस में फैसला किया है कि जहां पर डीजे-बैन्ड, खड़े होकर खाना होगा और दहेज सजाया जाएगा वहाँ लोगों से अपील की है कि शादी में शिर्कत न करें और निकाह पढ़ाने वाले ना जायें न निकाह पढायें व समाज में बढ़ती रसमों, फिजूलखर्ची से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. लोगों से कहा गया है कि अपनी औलादों को तालीम से आरास्ता करें.
शहर काजी मुफ्ती साबिर कासमी ने कहा है कि कम खर्च करना व फिजूलखर्ची से बचना निकाह की बरकत है, शरीयत के खिलाफ अमल करने से बचना हर एक की जिम्मेदारी है. मौलाना याकूब बरेलवी ने कहा कि निकाह सादा था सादा ही होना चाहिए, खड़े होकर खाने की सख्त मजम्मत की है. मौलाना शाने हैदर ने कहा है कि निकाह मस्जिदों में करने की आदत डालो जो हमारे नबी का तरीका है. मौलाना हाशिम साहब ने कहा कि शरीयत के खिलाफ शादी होने पर निकाह नहीं पढ़ाएंगे.
इस मौके पर मौलाना मुबीन कादरी, मौलाना सलमान कासमी, मौलाना ताहिरूल कादरी, मौलाना रिजवान कासमी, कारी मोहम्मद अंसार, कारी हसीब अहमद, मौलाना फुरकान कासमी, मौलाना फुरकान कादरी, मुफ्ती खालिद, हाफिज अमजद सूची, नौशे मियां, मौलाना जुबेर कासमी, मौलवी अजीम, कारी मसीहुद्दीन, हाफिज हसनैन, हाफिज रिजाज, मौलाना खुर्शीद, मुफ्ती आरिफ, मुफ्ती इमरान, हाफिज असद, मौलाना एजाज, हाफिज सलमान रजा, हाफिज जाबैद रजा, सादिक बरकाती, खलील बरकाती, मोहम्मद अनस बिसात खाना वगैरह मौजूद रहे। बैठक का संचालन मौलाना मोहम्मद सैफुद्दीन ने किया व आभार शहर काजी मुफ्ती मोहम्मद साबिर कासमी ने व्यक्त किया.
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