वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
कृषि विज्ञान केन्द्र, जमुनाबाद, लखीमपुर-खीरी द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन के अन्तर्गत विकास खण्ड बाकेगंज के बहारगंज ग्राम पंचायत में ग्राम स्तरीय फसल अवशेष प्रबन्धन विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। जिसमे प्रगतिशील कृषकों के साथ-साथ ग्रामीणों ने भी बढ़ चढ़ कर भाग लिया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा सन्तोष कुमार विश्वकर्मा ने धान की पुआल को खेत में सड़ा कर उच्च क्वालिटी की खाद बनाने के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा किया तथा किसानों के पुआल जलाने से वातावरण में पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया। केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ जिया लाल गुप्ता ने किसान भाईयों से गन्ने की पत्तियों को मल्चर से काट कर बायो-डिकम्पोजर की सहायता से उच्च पोषक मान की खाद बनाने की तकनीकी पर विस्तार से चर्चा किया। केन्द्र के ही अन्य वैज्ञानिक डाॅ मुहम्मद सुहेल ने भी किसानों को आगाह करते हुए कहा कि जो भी किसान भाई अपने खेत में फसल अवशेष जला रहे हैं वे अनजाने में अपना नुकसान कर रहे हैं क्योंकि फसल अवशेषों में पोषक तत्व रहते हैं जिनका ह्रास अवशेष को जलाने पर हो जाता है, अगर इसी अवशेष को किसान भाई खाद में परिवर्तित कर लें तो परोक्ष रूप से आने वाली फसल में उनको आर्थिक लाभ अवश्य ही प्राप्त होगा। कार्यक्रम के अन्त में उन्होंने उपस्थित सभी किसान भाइयों को फसल अवशेष न जलाने की शपथ दिलाई।
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