मो. मुजम्मिल, रायपुर (छत्तीसगढ़), NIT:
आज हर गांव या शहर में ऐसी संस्था की आवश्यकता है, जो स्वयं आगे आएं और ग्रामीण क्षेत्रों-स्लम एरिया में महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन के उपयोग और उनकी स्वास्थ्यगत समस्याओं के प्रति जागरूक करें, क्योंकि एक महिला के स्वस्थ रहने से पूरा परिवार स्वस्थ रहेगा और परिवार स्वस्थ रहने से समाज स्वस्थ रहेगा और स्वस्थ समाज ही देश की प्रगति में समर्पित होकर योगदान दे सकेगा। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कही। वे कीर्तिश केयर फाउंडेशन द्वारा महिलाओं पर केन्द्रित प्रथम प्रोजेक्ट यूनिकॉर्न क्लब के वर्चुअल शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
राज्यपाल ने इस कार्य के लिए संस्था को बधाई देते हुए कहा कि इसे एक क्षेत्र में सीमित न रखकर छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में भी क्रियान्वित करें। उन्होंने सुझाव दिया कि मीडिल स्कूल और हाईस्कूल में छात्राओं को महिलाओं के स्वास्थ्यगत समस्याओं और सेनेटरी नेपकिन के उपयोग की जानकारी स्कूली शिक्षा के दौरान देनी चाहिए इससे वे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगी और अपने आप को स्वस्थ रखेंगी। यह अच्छी बात है कि कीर्तिश केयर फाउंडेशन द्वारा शहरी इलाकों के स्लम एरिया और ग्रामीण-आदिवासी इलाकों में सेनेटरी पेड का निःशुल्क वितरण किया जाएगा, जो एक महत्वपूर्ण कार्य होने के साथ-साथ मानवीय कार्य भी है।
राज्यपाल ने कहा कि वे राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य थी तो आयोग द्वारा देश के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में सर्वे करने पर यह ज्ञात हुआ था कि उस क्षेत्र में महिलाओं मासिक धर्म के दौरान पुराने कपड़े का उपयोग करती हैं, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए जब राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष बनी तब उन्होंने ओ.एन.जी.सी. संस्था से सीएसआर मद से सेनेटरी नेपकिन का वितरण करने का आग्रह किया। उन्होंने मेरे आग्रह को स्वीकार करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों और स्कूलों में 56 हजार सेनेटरी नेपकिन का वितरण किया।
उन्होंने कहा कि गत दिनों फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म पेडमेन के बारे में हमने सुना और देखा भी। वास्तव में यह मुवी रियल हीरो कोयंबटुर निवासी श्री अरूणाचलम मुरूगनाथम की जिंदगी पर बनी थी, जिन्होंने अपने घर और गांव की महिलाओं की परेशानियों को समझा। प्रारंभ में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, परन्तु वे हिम्मत नहीं हारे और ऐसी मशीन बनाई, जिससे सस्ती दरों पर सेनेटरी नेपकिन बनाई गई। इससे उन्होंने गरीब और पिछड़े इलाकों में सेनेटरी नेपकिन मुहैया करा सके। वे ऐसा इसलिए कर सके क्योंकि उनके मन में आम व्यक्तियों की पीड़ा को समझने और मदद करने की भावना थी।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज हमारा समाज शिक्षित हो रहा है लेकिन यह दुख की बात है कि समाज का एक हिस्सा है जो ऐसी जानकारियों से अनभिज्ञ है और इस प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए हमें सिर्फ सरकार की ओर ही नहीं देखना चाहिए बल्कि हम सिविल सोसायटी की भी जिम्मेदारी है कि वे आगे आएं और कार्य करें। मैं कीर्तिश केयर फाउंडेशन की संस्थापक श्रीमती कीर्ति सुधांशु को साधुवाद देती हूं, जिनका जन्म स्थान छिंदवाड़ा है और जो विदेश में कार्यरत होने के बावजूद अपने देश के लिए यह कार्य करने का बीड़ा उठाया।
कीर्तिश केयर फाउंडेशन की संस्थापक श्रीमती कीर्ति सुधांशु ने संस्था के कार्यों की जानकारी दी और राज्यपाल के आग्रह पर कहा कि उनकी संस्था जल्द ही छत्तीसगढ़ में भी निःशुल्क सेनेटरी नेपकिन वितरण तथा अन्य कार्यों को क्रियान्वित करेगी।
इस अवसर पर ‘आयरा’ पत्रिका का विमोचन भी किया गया। इस कार्यक्रम में यूनिकॉर्न क्लब की कार्यक्रम संयोजक शासकीय अधिवक्ता सत्येन्द्र ठाकुर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्रीमती वंदना रस्तोगी, श्रीमती एस.डब्ल्यू ब्राउन, श्री नितिन जैन सहित अफ्रीका, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, नाइजीरिया और इंडिया के करीब 100 से अधिक गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.