मंदिर बंद, बाजार बंद, आवागमन बंद लेकिन शराब चालू | New India Times

Edited by Pankaj Sharma, NIT:

लेखक: रानू शर्मा

मंदिर बंद, बाजार बंद, आवागमन बंद लेकिन शराब चालू | New India Times

अभी तक तो ठीक था मंदिर बंद, बाजार बंद, आवागमन बंद लेकिन अब शराब चालू पर हिंदुस्तान के मेरे देश वासियों को यह जरूर पता होना चाहिए कि अगर अब शराब की दुकानों से कोरोना होगा तो इसे कैसे कांटेक्ट हिस्ट्री के आधार पर संक्रमण को रोकने के लिये क्या योजना बनाई है। कोई बड़ी टेक्नोलॉजी या विशेष प्लानिंग कर शराब की दुकानों को खोलने की बात सरकार ने की है। जब कोई बड़ी कोरोना की संख्या शराब दुकान से परमाणु बम की तरह विस्फोट होगा तब क्या कुंभ की नींद से जिम्मेदारों की नींद खुलेंगी या हमेशा की तरह लाशों पर राजनीति की है और करते रहेंगे। अब यह तो ईश्वर ही जानता है कि क्या सच्चाई है लेकिन आने वाला वक्त सब कुछ समय आने पर जरूर बताता है।

गरीब के श्रम से बनी है दुनिया और उनके दुःख से चलती है देश की अर्थव्यवस्था जहाँ बिकती है हर चीज मुनाफे के लिए, गरीब के दुःख से भरे है अखबार के पन्ने, गरीब के दुःख से फल – फूल रही है देश की राजनीति, हर पाँच साल पर गरीब के दुःख का बजता है गीत सत्ता के गलियारे में और जनप्रतिनिधि बन जाते हैं।
कीमती बगलों में रहने के लिए आज नेता बातें विकास की करता है और काम विनाश का कर रहा है, अपना उल्लू साध रहा है, सुविधा के नाम पर अपने ही देश को लूट रहा है।


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