रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
रतलाम पूर्व ग्रह मंत्री श्री हिम्मत कोठारी के माध्यम से जनप्रतिनिधयों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध से वैघ कॉलोनी को घोषित किए जाने के नाम पर क्षेत्र में रहने वाले रहवासियों के साथ लगातार छलावा किया जा रहा है।
श्री कोठारी ने बताया कि वर्ष 2013 में 17 कालोनियों को अवैध से वेध किया गया था, उन कालोनियों के विकास कार्यों के लिए 7.5 करोड रुपए के विकास कार्य हेतु स्टीमेट राज्य सरकार को नगर निगम ने भेजे थे जिसमें वर्ष 2014 में मात्र 4 करोड रुपए की राशि प्रदान की जो नगर निगम की सिंचित निधि जो कि राज्य सरकार के पास होती है उस राशि को ही दिया गया था और प्राप्त 4 करोड़ राशि से 17 कालोनियों में कार्य कराये गए थे। इसके पश्चात उन कालोनियों के विकास कार्यों के लिए ना तो निगम निधि से राशि खर्च की एवं ना ही राज्य सरकार को भेजे गए स्टीमेट अनुसार बकाया 3.5 करोड़ रुपए राशि प्राप्त करने की जनप्रतिनिधियों द्वारा किसी प्रकार से कोई प्रयास नही किये गए यदि जनप्रतिनिधी द्वारा सही कोशिश की जाती तो वह पैसा राज्य शासन से प्राप्त हो सकता था जिससे शेष 3.5 करोड़ रुपयें के स्टीमेट अनुसार विकास कार्य भी पूर्ण किये जा सकते थे ।
श्री कोठारी ने बताया कि पाचॅ वर्ष पहले इन कालोनी में सड़क नाली निमार्ण जैसे विकास कार्य किए गए थे वे सिवरेज लाइन एवं पानी की पाईप लाइन खोदें जाने से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है उन्हें पुनः बनाये जाने की आवश्कता होगी ।
वर्ष 2018 में राज्य सरकार द्वारा रतलाम की 33 अवैघ कालोनियों को वैध घोषित किया गया था इन कालोनियों के विकास कार्यो के लिए 19 करोड़ रुपयें के स्टीमेट शासन को भेजे गए थे परंतु नगर के जनप्रतिनिधियों की गंभीर उदासीनता के कारण किसी भी प्रकार की राशि राज्य सरकार से प्राप्त नहीं कि जा सकी , साथ ही नगर निगम ने बगैर राज्य सरकार से कोई राशि प्राप्त किए बगैर ही रतलाम विधायक चेतन कश्यप के दबाव में 19 करोड़ के टेंडर कॉल कर लिए गए एवं निगम द्वारा टेंडर की स्वीकृति भी दबाव में प्रदान कर दी गई जबकि इस प्रकार की कोई राशि इन कार्यों के लिए नगर निगम रतलाम के पास उपलब्ध नहीं थी , विधानसभा चुनाव के कुछ दिनों पूर्व लोगों को भ्रमित करने के लिए रतलाम नगर विधायक व महापौर द्वारा कालोनियों में जाकर निर्माण कार्यों का भूमि पूजन कर दिया गया एवं कालोनी के रहवासीयों से कहा गया कि जल्द ही 19 करोड़ के कार्य आपके क्षैत्र में पूर्ण कराए जाएंगे इस कार्य में ठेकेदारों पर भी अनआवश्यक दबाव बनाकर कुछ वार्ड की कालोनीयों में ठेकेदारों से कार्य प्रारंभ करवाए गए जिससे क्षैत्र की जनता भ्रमित हो ।
श्री कोठारी ने बताया कि हाईकोट के फैसले आने के पूर्व जो कालोनियाॅ अवैध से वैध कर दी गई थी उनमें नगर निगम द्वारा मकान निमार्ण अनुमति के नाम पर पिछले 5 वर्षों से लगभग 50 कालोनियों के रहवासियों से मकान निर्माण की अनुमति के हेतु 15 से लेकर 50 रु स्के. फिट की राशि लेकर अनुमति प्रदान की जा रही परंतु उन कालोनीयों में आज भी मूलभुत सुविधा के लिए किसी भी प्रकार की कोई राशि खर्च नही की गई । यदि अवैध कॉलोनी को वेध कर दिया गया है तो उन कालोनियों में विकास हेतु राशि क्यों वसूल की जा रही है ! श्री कोठारी ने बताया कि अवैध से वेध घोषित कॉलोनी होने पर हाउस टैक्स भी वसूल किया जा रहा है ! किंतु आम लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही जिस कारण रहवासी बहुत परेशान है उनकी समस्या का समाधान करने के बजाय उन्हें भ्रमित किया जा रहा है । श्री कोठारी ने मध्य प्रदेश के नगरी प्रशासन मंत्री को भी पत्र लिख कर आग्रह किया है कि ग्वालियर हाई कोर्ट द्वारा अवैध से वैघ का फैसला किसी प्रशासकीय कमी के कारण दिया गया हो तो उस प्रक्रिया की कमी को दूर करते हुए शासन पुनर्विचार याचिका लगाने की पहल करें अगर शासन को लगता है कि हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं है तो वह अपनी अपील सर्वोच्च न्यायालय में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखें और लोगों को न्याय दिलवाए।
श्री कोठारी ने बताया कि हाईकोर्ट अपना फैसला अवैध से वैध कालोनी के संबंध में निर्णय दिया है निर्णय में विकास कार्य कराए जाने पर रोक नहीं लगाई इसलिए इन कालोनियों के रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क पानी बिजली नाली हेतु नगर निगम तत्काल विकास कार्य शुरू करें एवं राज्य सरकार से यह भी मागॅ की नगर निगम को अनुदान के रूप में पर्याप्त राशि उपलब्ध कराए।
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