राजस्थान के माली मतदाताओं के मतदान पर टिकी हैं सबकी निगाहें | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:राजस्थान के माली मतदाताओं के मतदान पर टिकी हैं सबकी निगाहें | New India Times

राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में मात्र एक माली विधायक अशोक गहलोत को कांग्रेस के तीसरी दफा मुख्यमंत्री बनाने के बावजूद उनका सजातीय मतदाता कांग्रेस की तरफ बहुमत में खींचा चला नही आया जिसकी उम्मीद की जा रही थी। हालांकि माली मतदाता को वैसे तो परम्परागत रुप से भाजपा के करीब माना जाता था लेकिन अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद राजनीतिक समीक्षक बडे प्रतिशत में कांग्रेस की तरफ खींचा आने का अनुमान लगाकर कांग्रेस की लोकसभा सीट की ठीक ठाक जीतना मानकर चल रहे थे पर मतदान के बाद ऐसा होना प्रतीत नहीं हो रहा है।
कोई माने या ना माने लेकिन यह सत्य है कि राजनीति पर जातीयता की परत राजनीतिक दल व उनके नेता ही नहीं बल्कि आम मतदाता भी चढ़ाने को कमोबेश हरदम तैयार रहते हैं जबकि राजनीतिक समीक्षक व अखबारात के नूमाईंदे भी अपनी रिपोर्ट मे इस तरह का उल्लेख करते रहते हैं। राजस्थान के माली मतदाताओं के मतदान पर टिकी हैं सबकी निगाहें | New India Times

राजस्थान में एससी व एसटी बीरादरी के अलावा माली ही ऐसी बीरादरी है जो कम-ज्यादा तादात में सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में निवास करती है। अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना नेता मानकर बहुमत में कांग्रेस के पक्ष मे मतदान करती तो राजस्थान की अधीकांश लोकसभा क्षेत्रों के परिणाम पर आज अलग चर्चा होती। जैसे विधानसभा चुनाव में गुज्जर मतदाताओं ने सचिन पायलेट को नेता मानकर कांग्रेस के पक्ष मे बहुमत में मतदान करके पहली दफा भाजपा से किसी गुज्जर को विधायक बनने नहीं देकर कांग्रेस की झोली भरकर रख दी। जबकि अब लोकसभा चुनाव में गुज्जर मतदाता भी कांग्रेस की तरफ उतना खींचा हुआ नहीं चला आया जितना विधानसभा चुनाव में आया था।
हालांकि हो सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पकड़ में उनका बिरादरी मतदाता नहीं हो, क्योंकि आज हर मतदाता स्वतंत्र विचार रखने का आदी हो गया है लेकिन एक मात्र विधायक को कांग्रेस ने तीन दफा मुख्यमंत्री बनाने के साथ साथ अनेक पदों से नवाजा तब माली मतदाताओं की यह बातें राजनीति में चलती रहती हैं, कुछ लोगो की अगर पसंद यह हो कि राजस्थान में अशोक गहलोत व केंद्र मे मोदी तब विरोधाभाष नजर आता है।

कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान में हुये दो चरणों के मतदान में मुस्लिम करीब करीब व एससी काफी हद तक एवं एसटी करीब अस्सी प्रतिशत कांग्रेस के पक्ष में खड़ी नजर आई। बाकी बिरादरियों के मतों में बंटवारा नजर आ रहा है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading