पियूष मिश्रा/अश्वनी मिश्रा, छपारा/सिवनी (मप्र), NIT:
इन दिनों छपारा ग्राम पंचायत में कब कहां और कैसे पंचायत की संपत्ति नेस्तनाबूद कर दी जाती है और उस स्थल पर बकायदा एक नव निर्माण की तैयारी भी कर ली जाती है इस बारे में छपारा ग्राम पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी सचिव को कोई जानकारी नहीं है। दरअसल पूरा मामला छपारा बैंनग॔गा के रेस्ट हाउस गेट से लगे बैल बाजार में स्थित ग्राम पंचायत के एक पुराने मकान का है जो कि इन दिनों अपने स्थान से गायब हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि बैनगंगा तट के रेस्ट हाउस गेट से लगे बैल बाजार परिसर में एक पुराना मकान था जो कि अब वर्तमान में मौके पर नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इस पुराने मकान को एक दबंग व्यक्ति के द्वारा तोड़ कर उस स्थल पर कब्जा करते हुए बकायदा एक नव निर्माण की तैयारी भी कर ली गई है। वही हैरान करने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव को कोई जानकारी ही नहीं है।
पंचायत ने क्यों नहीं कराई एफआईआर?
छपारा ग्राम पंचायत की एक अचल संपत्ति को दिन दहाड़े तोड़ कर एक व्यक्ति विशेष के द्वारा अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए कब्जा करते हुए उस स्थान पर कॉलम के लिए गड्ढे तक खुदवा दिए गये और उसी स्थान पर एक निर्माण की कार्यवाही भी प्रारंभ कर दी गई है लेकिन छपारा ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव को इस विषय में कोई जानकारी नहीं होना इनकी कब्जा धारी व्यक्ति के साथ मिलीभगत को दर्शाने के लिए काफी है। छपारा नगर में चल रही जन चर्चाओं के अनुसार कुछ तथाकथित दलाल नुमा लोगों ने अपना मुंह बंद करने के लिए एक बड़ी रकम भी ली है। बताया तो यह भी जा रहा है कि छपारा पंचायत के सचिव और कब्जा धारी दबंग व्यक्ति ने उक्त लोगों को अपने मुंह बंद रखने के लिए एक बड़ी रकम दलालों को दी है। इस संबंध में जब मीडिया कर्मियों ने छपारा ग्राम पंचायत के सचिव बालकराम उइके से जानकारी प्राप्त की तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्हें अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है इसीलिए ग्राम पंचायत के द्वारा अब तक कोई एफआईआर पुलिस थाने में दर्ज नहीं कराई गई है।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या छपारा मुख्यालय और रेस्ट हाउस गेट से लगे पंचायत के एक मकान को जमीन खा गई या आसमान निगल गया। इस विषय पर आखिरकार ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव चुप्पी साधे क्यों बैठे हैं???
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.