नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

पुलिस सिस्टम की लापरवाही के कारण आमादा हो चुकी भीड़ द्वारा पुलिस स्टेशन को घेरकर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को बुरी तरह से पीटने की घटना को अखबारों और मीडिया में सरकार की इज़्ज़त बचाने की मंशा से एकतरफा छापा और दिखाया गया है लेकिन इस मामले का सारा सच विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष की ओर से की जाने वाली बहस से सामने आएगा। हिंसा शुरू करने के लिए पहली अनिवार्य शर्त यह है कि दो लोगों के बीच झगड़ा होना चाहिए, अकेला आदमी कुछ नहीं कर सकता। चश्मदीदों के मुताबिक पुलिस के किसी अफसर ने एक आंदोलन कर्मी के कमर में लात मारी जिसके बाद हिंसा को रास्ता मिला। घटना के बाद पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया कोर्ट ने आरोपियों को 25 जून तक रिमांड पर भेजा है।
गोदी शब्दकोष से मीडिया द्वारा संकट मोचक के गौरव से नवाजे गए भाजपा नेता गिरीश महाजन के गृह नगर जामनेर ने सरकार के खिलाफ़ हिंसा का रास्ता क्यों चुना? शुरुआत किसने की? आदिवासियों की भीड़ को ढाल बनाकर क्या कोई तीसरा पक्ष था जो पुलिस से अपनी खुन्नस निकाल रहा था ? अमीर जमींदारों की खेती में हाड़तोड़ मज़दूरी करने वाले गरीब आदिवासी समुदाय ने यह कदम किसके कहने पर उठाया? पुलिस की खुफिया एजेंसी का प्रदर्शन इतना लचर कैसे रहा? इस प्रकार के सैकड़ों सवालों की विधानसभा को और उनके जवाबों की जनता को प्रतीक्षा है।
बलात्कार पीड़ित मृत नाबालिक लड़की को तत्काल न्याय दिलाने की मांग से जुड़ी आदिवासी समुदाय की प्रासंगिक भावना को समझने के लिए जनता का चूना हुआ जनप्रतिनिधि शहर में मौजूद होता तो फसाद टल सकता था। घटना स्थल पर मंत्री गिरीश महाजन की गैर मौजूदगी में भाजपा का कोई नेता नहीं था, लोकल विपक्ष से लोकतंत्र को किसी किस्म की कोई उम्मीद नहीं बची है। तीस साल के करियर में गिरीश महाजन दस साल से राज्य की सत्ता में मंत्री हैं उनकी गैर मौजूदगी में ऐसा एक भी नेता नहीं है जिसका जनता के बीच प्रभाव हो। अब सवाल यह उठता है कि अगर भविष्य में कानून व्यवस्था को लेकर कोई नाजुक परिस्थितियां पैदा होती है तो तहसील के अमन शांति के लिए गिरीश महाजन की गैर मौजूदगी में नेता कौन होगा? जो प्रशासन के सामने जनता की कयादत कर सके।
मंत्री जी ने किया ट्वीट:- अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखिए कानून हाथ में मत लीजिए, किसी भी नागरिक का क्रोध चरम सीमा छुए ऐसा काम आरोपी ने किया है। मैं भी क्रोधित और व्यतिथ हूं लेकिन मेरी सब से बिनती है कि कानून को अपना काम करने दीजिए। मुजरिम को कड़ी से कड़ी सज़ा हो इस लिए सटीक जांच के आदेश दिए हैं। स्थिति पर मेरी ओर से पूरा ध्यान रखा गया है।
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