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राजस्थान की देहाती मुस्लिम बिरादरियों को अपने अस्तित्व के लिये शिक्षा को हथियार बनाकर आगे बढने पर विचार करना होगा, नहीं तो आला तालीम व दक्षता की कमी के कारण मुस्लिम बहुल गावों के गुवाड़ (चौपाल) पर बेरोजगार युवकों के झूंड के झूंड बैठे आयेंगे नज़र