वूमेन पावर ऑफ़ बुंदेलखंड ने आकस्मिक बैठक कर की अहमदाबाद जामा मस्जिद के शाही इमाम के बयान की कड़ी निन्दा | New India Times

अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी) NIT:

वूमेन पावर ऑफ़ बुंदेलखंड ने आकस्मिक बैठक कर की अहमदाबाद जामा मस्जिद के शाही इमाम के बयान की कड़ी निन्दा | New India Times

पत्रकार भवन सभागार झांसी में वूमेन पावर ऑफ़ बुंदेलखंड की एक आकस्मिक बैठक आयोजित की गई जिसमें अतिथियों सहित सभी महिलाओं ने एक स्वर में सख़्त विरोध जताते हुए कहा कि गत दिवस अहमदाबाद की जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी का मुस्लिम महिलाओं का चुनाव में भागीदारी को लेकर दिया गया कतिथ बयान उनकी कुंठित मानसिकता, अज्ञानता व विश्व की आधी आबादी (मातृशक्ति) के ख़िलाफ़ उनकी निश्चिरिष्ट सोच को दर्शाता है एवं साथ ही मुस्लिम महिलाओं को पुनः घर के अन्दर कैद करके ग़ुलाम बनाने की दृष्टि को उजागर करता है। उनको यह अहसास ही नहीं है कि इस्लाम सहित सभी धर्मों में मातृशक्ति को किस रूप में देखा जाता है। आज हमारी मुस्लिम बेटियां प्रशानिक पदों पर आसीन होकर राष्ट्र की सेवा कर रही हैं लेकिन वहीं शाही इमाम अपनी पद की गरिमा के ख़िलाफ़ मुस्लिम परिवारों की महिलाओं को लेकर दिए गए कथित बयान से आपसी रिश्तों में ज़हर घोलने का काम कर रहे हैं।

वूमेन पावर ऑफ़ बुंदेलखंड ने आकस्मिक बैठक कर की अहमदाबाद जामा मस्जिद के शाही इमाम के बयान की कड़ी निन्दा | New India Times

बैठक की अध्यक्षता कर रही संगठन की अध्यक्ष शाज़िया खान ने कहा कि अहमदाबाद के शाही इमाम का मुस्लिम महिलाओं को लेकर दिया गया बयान एक तरीक़े से मुस्लिम महिलाओं के अन्दर डर पैदा करना है, शायद वह यह भूल गए हैं कि भारत के अन्दर राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है और कोई भी लोकतांत्रिक देश सिर्फ़ और सिर्फ़ संविधान व कानून से चलता है न कि तुग़लक़ी फ़रमान से। एक ओर ईरान में हिजाब को लेकर मुस्लिम महिलाओं की हुई जीत वहीं दूसरी ओर शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी का कथित बयान संविधान में दिए गए महिलाओं के ख़िलाफ़ है जो माफ़ी के क़ाबिल नहीं है। वर्तमान दौर में मेरा मुस्लिम महिलाओं से आह्वान है कि वह अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करवाकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, वज्ञनिक, इंजीनियर, भारतीय सेना में अधिकारी व सांसद, विधायक आदि बनाएं ताकी वह राष्ट्र व समाज की सेवा करें एवं अपनी कौम का नाम रौशन करें। इस राह में कितनी भी रुकावटें व विरोध सामने आए उसको चिनौती के रूप में लें और किसी भी तरह के विरोध को स्वीकार न करें।

वहीं बैठक में मुख्यतिथि के रूप में पूर्व प्रधानाचार्य एवं वरिष्ठ समाज सेविका सुश्री बहन नीलमधु श्रीवास्तव एवं सुश्री नीति शात्री मौजूद उपस्थित रहीं। बैठक का संचालन संयुक्त रूप से संगठन की कार भार सचिव श्रीमती शमा बानो आब्दी एवं अर्शी आब्दी ने किया। अंत में संगठन की वर्किंग अध्यक्ष सहूदिया खान ने आभार व्यक्त किया।


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