जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:

भोपाल पुलिस कमिश्नरेट द्वारा व्यापक स्तर पर बाल एवं महिला अपराधों को रोकने एवं इस संबंध में जागरूकता का प्रसार किये जाने हेतु विभिन्न स्थलों पर जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस दिशा में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जा रहे है एवं महिला बाल विकास की आगनबाड़ी कार्यकताओं जनजागरूकता प्रसार का प्रमुख माध्यम भी है। अतः यह आवश्यक है कि, जनजागरूकता कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शामिल कर बाल एवं महिला अपराधों को रोकने एवं इनको नियंत्रण करने हेतु इनका आवश्यक सहयोग लिया जाए।
इसी तारतम्य में आगनवाड़ी की समुदाय में व्यापक पहुँच होने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकत्ताओं को बालकों के लैंगिक शोषण से संरक्षण अधिनियम के कानूनी प्रावधानों से परिचित कराया जाकर एवं पुलिस विभाग द्वारा बाल एवं महिला अपराधों को रोकने हेतु किये जा रहे विभिन्न प्रयासों की एवं कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी प्रदाय की जाना आवश्यक है। इसी श्रंखला में महिला बाल विकास विभाग भोपाल से समन्वय करके आज दिनांक 05.12.22 को शहीद भवन माए परियोजनावार प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें बाणगंगा परियोजना के अंतर्गत थाना टीटीनगर, कमला नगर, चूना भट्टी, हबीबगंज व श्यामला हिल्स अंतर्गत आँगनबाड़ी महिला कार्यकर्ताओं को आमंत्रित कर प्रशिक्षित किया गया। कल दिनांक 06/12/22 को बरखेड़ी परियोजना के अंतर्गत थाना तलैया, जहाँगीराबाद व मंगलवारा क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अंतर्गत दिनांक 05.12.22 से 16.12. 22 के मध्य 08 कार्यशालायें भोपाल की 1300 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं हेतु परियोजनावार प्रशिक्षित किया जाएगा।
जागरूकता कार्यक्रम में प्रदर्शनियां तथा सिग्नेचर कैम्पैन हर गली मोहल्लें एवं हर समुदायों में संचालित किये जा रहे है। उर्जा हेल्प डेस्क एवं शक्ति समितियों के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जिससे जनता में जागरूक्ता आये, महिलाएं अपने साथ होने वाली हिंसा के बारे में पुलिस को त्वरित सूचना दें तथा पुलिस की हेल्प डेस्क का सहयोग भी प्राप्त कर पाये।
इसी तारत्म्य में महिला बाल विकास विभाग के साथ भोपाल पुलिस ने एक विषेष योजना प्रारंभ की है, जिसके अंतर्गत समस्त भोपाल की समस्त आंगनवाडी़ कार्यकर्ताओं को बाल सुरक्षा एवं महिला सुरक्षा संबंधी कानूनों एवं प्रावधानों के संबंध में जानकारी दी जा रही है तथा उनका जो समन्वय है वो उर्जा हेल्प डेस्क से डायल 100 के कर्मचारियों से, बाल कल्याण अधिकारियों से प्रत्येक थानों में किया जा रहा है, ताकि जब भी किसी पीड़ित व्यक्ति को सहायता की जरूरत हो, महिलाएं, बच्चें जो कि आंगनवाडी़ के माध्यम से भी पुलिस तक पहुंचने में सक्षम हो सके।
पीड़ितों को उनके घर पहुंच न्याय प्रदान करने की जो सेवा है, उसको और प्रभावी बनाने के लिये शासन की विभिन्न एजेंसियों से पुुलिस का समन्वय हो और समुदाय में पुलिस सुरक्षा की भावना का जागृृत कर सके। सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत तथा सेफ सोसायटी और सामुदायिक पुलिसिंग योजनाओं के अंतर्गत मध्यप्रदेश पुलिस एवं महिला बाल विकास दोनो का समन्वय हो सके, इस हेतु भोपाल पुलिस ने यह प्रयोग किया है, इस प्रयोग का नाम ’’सहयोग’’ है। ’’सहयोग’’ का मतलब विभिन्न सरकारी एजेंसियां आपस में सहयोग कर पीड़ित महिला एवं असुरक्षित बालक बालिकाओं को न्याय प्रदान करने एवं सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। कार्यक्रम के आरम्भ मे सभी कार्यकर्ताओ का परिचय उपरांत उन्हे किस तरह से पुलिस व विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करना है, इस बारे में बताया गया।
नगरीय पुलिस भोपाल के समस्त 35 थाना क्षेत्रों में यह कार्यशाला चलाई जा रही हैं। भोपाल शहरी क्षेत्रों में 8 महिला बाल विकास परियोजनाएं है, उन 8 परियोजनाओं के अंतर्गत करीब 1300 आंगनवाड़ियों तक थाने की पहुंच हो सके, ताकि वे हेल्पलाईनों के माध्यम से तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पीड़ित व्यक्तियों को तथा असुरक्षित व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु डाॅयल 100 की मदद तथा थानों की उर्जा हेल्प डेस्क की मदद प्रदान की जा सकें। इस हेतु कार्यशील है।