मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
अपने पति के साथ दो वर्ष से अधिक समय तक लिव इन रिलेशनशिप के बाद किया गया विवाह असफल हो जाने पर परामर्श केंद्र की शरण में आई पत्नी द्वारा बताया गया की अपने प्रेमसंबंधों के चलते दंपति ने लगभग ढाई वर्ष पूर्व बकायदा एक अनुबंधपत्र नोटरी साहब के समक्ष निष्पादित किया था जिसकी शर्तों के अनुसार उन्हें दो वर्षों में आपसी सहमति से विवाह करना तय किया था। उन्होंने बताया कि पति ने पत्नी के प्रस्ताव पर अपने दोस्तों तथा संबंधियों के साथ आकर छह माह पूर्व बकायदा विवाह किया तथा कहा की वह चुनाव के बाद अपनी मां को मनाने के बाद उसे आकर ले जाएगा। पत्नी के अनुसार उसके पति पहले से ही विवाह के लिए टालमटोल करते रहे किंतु पंचायत चुनाव में बदनामी नहीं हो इसलिए शादी कर ली। उल्लेखनीय है की पति ने पंचायत का चुनाव भी लड़ा था। चुनाव के बाद जब पत्नी ने पति को साथ रहने के लिए कहा तो उसने दो दिन तक एक किराए के घर में रखा फिर परेशान कर निकल दिया। पति को बुलाकर समझाने के प्रयास पर भी राजी नहीं होने पर आवेदिका को न्यायालय की शरण लेने सलाह के साथ प्रकरण नस्ती बद्ध कर दिया गया। साथ ही साथ दो प्रकरणों में पक्षकारों को समझौते के लिए राजी किया गया।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के के अवस्थी के मार्गदर्शन में अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा सहित आहुति शर्मा तथा प्रीति श्रीवास्तव और रश्मि राय ने उक्त मामलों के अतिरिक्त एक अन्य प्रकरण में भी पक्षकारों को समझौते के लिए राजी नहीं होने पर पक्षकारों को न्यायालय जाने की सलाह के साथ प्रकरण बंद किया जबकि छह मामलों में पक्षकारों को सद्भावपूर्वक जीवन निर्वाह करने के लिए समझाइश देकर विचार विमर्श करने के लिए समय प्रदान किया।
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