पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने क्राइम मीटिंग में लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के दिए निर्देश | New India Times

यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:

पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने क्राइम मीटिंग में लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के दिए निर्देश | New India Times

धौलपुर जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने क्राइम मीटिंग में लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए साथ ही थर्ड जेंडर व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए भी समाज कल्याण अधिकारी स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों बाल कल्याण समिति के सदस्य एवं थर्ड जेंडरों के प्रतिनिधियों के साथ अलग से बैठक लेकर पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।

जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने आज जिले के पुलिस अधिकारियों की क्राइम मीटिंग लेकर जिले की कानून- व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त निर्देशानुसार कार्रवाई करने सहित कानून व्यवस्था बनाए रखने के सम्बंध में दिशा-निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए विशेष कार्ययोजना बना कर कार्यवाही करने के हेतु निर्देशित किया अपराध गोष्ठी में 173 (8) सीआरपीसी एवं एक साल से अधिक समय से लम्बित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण सीसीटीएनएस पर समय पर रिकॉर्ड एन्ट्री कराने एससी / एसएसटी के प्रकरणों में शीघ्र कार्रवाई पूर्ण कर समय पर चालान पेश करने, इनामी एवं वांछित अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार करने सहित यातायात अधिनियम की पालना नहीं करने के सम्बंध में किए गए चालानों की समीक्षा करते हुए सभी वृत्ताधिकारियों थानाधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि रक्षक दलों सीएलजी व पुलिस मित्रों के साथ बैठक कर बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए। अपराध गोष्ठी के दौरान वृत्ताधिकारी वृत्त धौलपुर श्री सुरेश सांखला वृत्ताधिकारी
वृत्त धौलपुर ग्रामीण सैंपऊ विजय कुमार सिंह वृत्ताधिकारी वृत्त बाडी मनीष शर्मा वृत्ताधिकारी वृत्त मनियां दीपक खंडेलवाल अपराध सहायक अध्यात्म गौतम सहित जिले के सभी थानाधिकारीगण उपस्थित रहे। अपराध गोष्ठी से पूर्व पुलिस लाइन के सभागार में जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने थर्ड जेंडर व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण अधिनियम पर आयोजित बैठक में थर्ड जेंडर के अधिकारों के संरक्षण के सम्बन्ध में कार्य करने के निर्देश दिए ‘थर्ड जेंडर व्यक्ति के अधिकारों के संरक्षण अधिनियम 2019 एवं उपनियम 2020 के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे धर्म ग्रंथों में उभय लिंगी व्यक्ति को सम्मान के नजरों से देखा जाता था। वर्ष 1871 में ब्रिटिश काल में कानून पारित कर किन्नर समुदाय को अपराधी घोषित कर दिया गया किन्तु बाद में सरकार ने थर्ड जेंडर समुदाय को भी कानूनी मान्यता प्रदान करते हुए वर्तमान में बराबरी का दर्जा देकर राजकीय सेवाओं में भी आरक्षण का प्रावधान किया है भारत सरकार ने 2011 के जनगणना में पहली बार थर्ड जेंडर को शामिल किया और 2019 में उनके अधिकारों के लिए कानून लाया गया कानून के बारे में प्रकाश डालते हुए उन्होंने ने कहा कि किसी भी उभय लिंगी को वेश्यावृत्ति बंधुवा मजदूर आम जगह पर जाने से रोकने घर या गांव से निकालने छक्का किन्नर या मामू बोलने या सेक्सुअल एब्यूज करना अपराध है पुलिस के पास ऐसी शिकायत आने पर अधिनियम के धारा 18 (अ) के तहत मामला दर्ज कर किया जा सकता है इस दौरान समाज एवं बाल कल्याण अधिकारी विश्वदेव पांडेय बाल कल्याण समिति के सदस्य गिरीश गुर्जर स्वयंसेवी संस्थाओं के राकेश कुमार नरेन्द्र कुमार राकेश तिवारी थर्ड जेंडर देविका शोभाबाई सहित पुलिस अधिकारीगण अन्य उपस्थित रहे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading