नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
जामनेर शहर के सुशोभीकरण की मंशा से तत्कालीन जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन ने 2015 – 16 में सरकारी खजाने से 8 करोड़ रुपया मंजूर कर सिटी के अंदर से गुजरने वाली रा मा नं 41 और 44 इन मुख्य सड़कों का फोरलेन विस्तार कराया. आज 7 साल बाद इन सड़कों के ब्रिजेस पर बीचोबीच पड़े गड्ढों ने ठेकेदार द्वारा कराए गए घटिया निर्माण की पोल खोल कर रख दी है. भुसावल T पॉइन्ट से लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज नगर जलगांव सड़क रा मा नं 41 पर सड़क को फांदते दो नाले पड़ते हैं जिसमें एक बस स्टैंड और दूसरा धारीवाल कॉलेज के पास है. वहीं Y पॉइंट से लेकर इंदिरा आवास तक बनी रा मा नं 44 भुसावल सड़क पर तीन बड़े ब्रिज हैं जिनमें मसोब मंदिर, T पॉइंट और ईदगाह मैदान के निकट वाले पुल हैं. जानकारों के मुताबिक यह सभी ब्रिज अंग्रेजों के जमाने में बनवाए गए थे. जब इन सड़कों का फोरलेन निर्माण किया गया तब ठेकेदार ने पुराने पुलों को वैसा ही रखकर सभी नालों के कटाव पर कांक्रीट की दीवारें बनाकर उसपर बिछाए स्लैब को पुराने ब्रिज से जोड़ दिया. कायदे से पुराने ब्रिज उखाड़कर नए ब्रिज बनवाने चाहिए थे. आज इन पुराने ब्रिजेस पर गड्ढ़े पड़ चुके हैं, ये ब्रिज किसी भी वक्त धराशायी हो सकते हैं. PWD ने अपनी आंतरआत्मा की चीख़ सुनकर बस स्टैंड के समीप वाले जर्जर ब्रिज पर सूचना बोर्ड और मार्किंग लाइन की जिम्मेदारी पूरी कर दी है. हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ब्रिज का धंसा मलबा पुराने पुल का ही है. GST पेयर्स जनता प्रशासन से सवाल पूछ रही है कि PWD तब क्या कर रहा था जब उनके नाक के नीचे एक पेशेवर रसूखदार ठेकेदार भ्रष्टाचार करने के लिए पुराने ब्रिज से नए ब्रिज को मिला रहा था. इस पूरे मामले की व्यापक जांच होनी चाहिए पर करेगा कौन? रही बात जांच की मांग को लेकर विपक्ष के प्रयासों की तो जनता ने खुद ही विपक्ष की हत्या कर अपनी आवाज खो दी है. ये फोरलेन मंत्री महाजन का ड्रीम प्रोजेक्ट था जिसे ठेकेदार ने भ्रष्टाचार के बदनुमा दाग से रंग दिया. निर्माण क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ कह रहे हैं कि फोरलेन पर जितने पुल हैं उनको गिराकर बनाने के लिए अब तकरीबन एक से डेढ़ करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी.
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