संदीप शुक्ला, पटना (बिहार), NIT:
पटना सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फाउंडेशन की ओर से बिहार की राजधानी पटना के विद्यापति भवन में भव्यतम राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया। यह अधिवेशन कई सत्रों में विभाजित था। अधिवेशन में कवि, गीतकार व समीक्षक डॉ. रत्नेश्वर सिंह द्वारा रचित तीन पुस्तकों ‘सूखे पत्तों की पीड़ा’, ‘समकालीन साहित्यिक परिदृश्य’ और ‘संघर्ष का पर्याय शकुन्तला तोमर’ का विमोचन किया गया। ‘सूखे पत्तों की पीड़ा’ डॉ. सिंह की समकालीन कविताओं एवं गीतों का संकलन है, ‘समकालीन साहित्यिक परिदृश्य’ में समीक्षाएँ तथा आलोचनाएँ संकलित हैं, ‘संघर्ष का पर्याय शकुंतला तोमर’ शीर्षक कृति में आदरणीया शकुंतला तोमर के संघर्ष, सामाजिक कार्यों एवं साहित्यिक सरोकारों को रेखांकित किया गया है। पुस्तकों के विमोचन उपरांत अनेक विद्वानों यथा डॉ. अमरकांत कुमर, डॉ नरेंद्र प्रसाद यादव, डॉ भूदत्त शर्मा, डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’ आदि ने पुस्तकों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात संगीत सुधा फाउंडेशन के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गीत का गायन किया गया।
मंचासीन मुख्य अतिथि डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’, कार्यक्रम अध्यक्षा सामाजिक दर्पण की संस्थापिका श्रीमती शकुंतला तोमर, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय सचिव श्री धर्मेंद्र सिंह तोमर, डॉ उषा कुमारी, डॉ महेंद्रनाथ अलंकार, श्री संजीव कुमार के साथ कृतिकार डॉ. रत्नेश्वर सिंह का सम्मान पत्र, शाॅल, पुष्पगुच्छ, पुष्पमाल्य आदि से अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर सोशल दर्पण फाउंडेशन की बिहार इकाई द्वारा श्रीमती शकुन्तला तोमर को ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई सम्मान’ एवं ‘माँ भारती सम्मान’ से सम्मानित किया गया। डॉ. रत्नेश्वर सिंह को सामाजिक दर्पण फाउंडेशन की ओर से ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित करते हुए सम्मान पत्र, अंग वस्त्र, पुष्पमाल्य आदि अर्पित किया गया। जबलपुर से पधारें डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’ एवं पथगामिनी पटल की संस्थापिका मंजुला श्रीवास्तव द्वारा भी सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह, अंग वस्त्र, श्रीफल, पुष्पगुच्छ आदि से डॉ. सिंह का अभिनंदन किया।
द्वितीय सत्र में 51 से अधिक सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़े गणमान्य विद्वतजनों का अभिनंदन पटल की ओर से सम्मान पत्र, अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले विद्वानों में डॉ. भूदत्त शर्मा, श्रीमती मंजुला श्रीवास्तव, डॉ. रोशनी किरण, डॉ. उषा कुमारी, श्रीमती अनीता प्रसाद, श्री अवधेश प्रसाद, डॉ. अमरकांत कुमर, डॉ. सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ. नरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रो. शिवनंदन प्रसाद, अमित कुमार मिश्रा आदि अनेक लोग शामिल रहे। पटेल की ओर से सम्मानित किए गए साहित्य-सेवियों का आगमन मुंबई, हरिद्वार, वाराणसी, जबलपुर, ग्वालियर, पटना, दरभंगा, मधेपुरा सहित भारत के अनेक राज्यों एवं शहरों से हुआ था।
अधिवेशन के तृतीय सत्र में भारत के विभिन्न राज्यों से पधारे शताधिक कवि, गीतकार, ग़ज़लकारों ने गीत, ग़ज़ल, कविताओं से समा बाँधा। इन सबके पूर्व सम्पन्न अधिवेशन में अध्यक्षा श्रीमती शकुन्तला तोमर के मार्गदर्शन में बिहार इकाई के पदाधिकारियों का निर्वाचन के साथ ही आगामी रूपरेखा पर भी परिचर्चा की गई। पहले और दूसरे सत्र का संचालन अमित कुमार मिश्रा ने किया। तीसरे सत्र का कुशल संचालन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रत्नेश्वर सिंह के द्वारा किया गया।
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