नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
जलगांव जिले के सबसे बड़े डैम वाघुर के बैक वाटर के अंदर बसे प्राकृतिक द्वीप को विकसित कर उसका कायाकल्प किया गया है. जामनेर शहर से 11 किमी दूर गंगापूरी गांव के ठीक बगल में डैम के भीतर स्थित द्वीप को हम सुर नदी पर बने ब्रिज से देख सकते हैं. द्वीप का क्षेत्रफल लगभग 20 एकड़ तक बताया जाता है जिसकी उत्तरी दिशा में समृद्ध संरक्षित वन क्षेत्र है. द्वीप पर PWD विभाग की ओर से पर्यटकों के रहने के लिए वाटर टूरिज्म की थीम के तहत बांस के सूट तयार किए गए हैं. द्वीप के बीचोबीच भगवान शिव की मूर्ती स्थापित की जानी है. द्वीप तक जाने के लिए गंगापुरी ब्रिज के निकट बोट स्टेशन बनाया गया है जहाँ से पर्यटक बोट के जरिये द्वीप तक पहुचेंगे. द्वीप से डैम की मुख्य दीवार 10 किमी दूर है. इस द्वीप पर पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से कुछ विदेशी भी हैं. इस प्रोजेक्ट के लिए गारखेड़ा गांव के भूमिपुत्र तथा PWD विभाग में कार्यरत अधिशासी अभियंता प्रशांत सोनावणे ने विशेष प्रयास किए हैं. द्वीप के बुनियादी विकास की जिम्मेदारी पंकज बिर्ला जी ने स्वीकार की है. हाल ही में जिलाधकारी डॉ श्री अभिजीत राऊत ने द्वीप पर पधारकर चल रहे विकास कार्यो का मुआयना किया. तहसीलदार अरुण शेवाले, PWD के आर डी पाटिल, सरपंच अशोक पाटिल आदि मान्यवर मौजूद रहे. आने वाले कुछ दिनों में इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो कर पर्यटकों के लिए इसे लोकार्पित किया जाएगा.
वन औषधि केंद्र अधर में: क्षेत्र के विधायक गिरीश महाजन के मंत्री रहते गंगापुरी जंगल में आयुष मंत्रालय की ओर से वन औषधी संशोधन केंद्र बनाने की कोशिश की गई थी जिसकी फाइल और खबरें अब हवा हो गई हैं. अगर तब यह केंद्र बन जाता तो आज उक्त पर्यटन केंद्र की शान में चार चांद लग जाते.