'ऊँची सोच युवा की खोज विषय पर वेबिनार आयोजित – | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

'ऊँची सोच युवा की खोज विषय पर वेबिनार आयोजित – | New India Times

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय था – “ऊँची सोच युवा की खोज”.

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप से बी.के.प्रहलाद भाई (मोटिवेशनल स्पीकर एंड ट्रेनर, ग्वालियर), बी.के.अर्चना बहन (राजयोग प्रशिक्षका, सीधी), बी.के.अभिलाषा बहन (राजयोग प्रशिक्षका, भोपाल), विवेक सिंह चौहान (युवा व्यवसायी समाज सेवी, सीधी), मनोज कुमार सिंह (रिसर्चर एंड सोशल इंटरप्रेन्योर, सिंगरौली) उपस्थित रहे.

बी.के.अर्चना बहन ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का स्वागत अभिनन्दन किया तथा उन्होंने कार्यक्रम को एक सुन्दर गीत के साथ आरम्भ किया.

इसके तत्पश्चात बी.के.प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि देखा जाए तो युवाओं के अन्दर बहुत शक्ति होती है इसलिए उन्हें दोपहर का सूर्य भी कहा जाता है क्योंकि आपने देखा होगा दोपहर का सूर्य बहुत ही तेजोमय दिखाई पड़ता है इसलिए युवा जो है वो दोपहर के सूर्य के सामान है क्योकि आने वाली जो पीड़ी है उनकी जवाबदारी युवा पर है और जो अनुभवी होकर उस वृद्ध अवस्था तक पहुचे हैं उनकी भी जवाबदारी युवा पर है.परन्तु आज युवाओं का गलत संग होने के कारण अपने जीवन का सदुपयोग करने के बजाये दुरूपयोग करने लग जाते हैं. उन्होंने एक उद्धारण देते हुए सभी युवाओं को बताया कि आज युवा छोटी – छोटी बातों में दु:खी हो जाता है, नाराज़ हो जाता है, और तोड़ फोड़ में अपनी ऊर्जा करता है, एक दुसरे के प्रति कटुता की भावना, बदले की भावना आज बहुत देखने में मिलती है लेकिन यदि युवा इन व्यर्थ की बातों से अपने मन से हटा कर एकांत में बैठकर स्व-चिंतन करे, अपनी शक्तियों को पहचाने तो युवा जो करना चाहता है वह कर सकता है। वह अपनी ऊर्जा को जिस दिशा में लगाना चाहता है लगा सकता है। उसे कभी असफलता का सामना नहीं करना पड़ेगा। बस ज़रूरत है स्वयं की शक्ति को पहचान कर उसे कार्य में लगाने की. तो आज हम सभी संकल्प लें कि हम अपने को बुरे संग और नशे आदि से बचाएंगे । अपनी ऊर्जा को अच्छे कार्य में, विश्व सेवा के कार्य में लगायेंगे। इसीके साथ अपने आस पास के जितने भी लोग होंगे उन्हें भी सही राह पर लाने का प्रयास करेंगे। क्योकि यह हम सभी युवाओं की ज़िम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आज एक नशा और हमारे जीवन में शामिल हो गया और वह है मोबाइल फोन का आवश्यकता से ज्यादा उपयोग एवं सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग इसकी वजह से हम अपनी शांति और शक्ति को खोते जा रहे है। आवश्यकता के अनुसार उपयोग अवश्य करें लेकिन इनको अपने ऊपर हावी नहीं होने दें।

कार्यक्रम में मनोज सिंह ने बताया कि जब युवाओं की बात आती है तो सर्व प्रथम नाम स्वामी विवेकानंद जी का आता है, वह हमारे लिए बहुत ही प्रेरणाश्रोत हैं. विवेकानंद जी भी कहते थे सबसे ज्यादा ज़रूरत है अपनी सोच को बदलने की | क्योकि जिस दिन हमने अपनी सोच को बदल दिया उस दिन हमारा देश परिवर्तन हो जायेगा क्योकि नीव ही युवा है. आज युवा बहुत कुछ अपने जीवन में हासिल करना चाहता है परन्तु वह बहुत जल्दी हार मान लेता अगर मुझे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो उसके लिए ज़रूरी है अपना उद्धेश्य स्पष्ट हो और उसे प्राप्त करने की ऊर्जा कभी समाप्त ना हो तो आप देखना अवश्य ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगेलेंगे. इसके साथ उन्होंने अपने जीवन में आई चुनोतियो का किस तरह से सामना किया वह भी स्पष्ट किया.

विवेक सिंह चौहान जी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि आज युवाओं के जीवन में जो सबसे बड़ी चुनोती है वह है सोशल मीडिया, जीवन का सदुपयोग युवा इसलिए ही नहीं कर पा रहा है क्योकि वह सोशल मीडिया को इस्तेमाल करने में इतना व्यस्त हो गया है कि इसके आगे युवाओं का उज्जवल भविष्य अंधकार की ओर जाता हुआ नज़र आ रहा है तो अगर हम सभी लोग इन सब से छुटना चाहते हैं तो “Digital Detox” का अभ्यास करना शुरू करें अर्थात अपने जीवन में एक से दो दिन सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करें और धीरे धीरे इस अभ्यास को बढ़ाये तब सभी को यह अनुभव होगा की इतनी ज़रूरत आज इन साधनों की नहीं है जितना हम इनका इस्तेमाल करते हैं.तो जब इन सब से स्वयं को दूर करेंगे तो सफलता भी अवश्य मिलेगी.

कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं आभार बी.के.अभिलाषा बहन द्वारा किया गया.


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By nit

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