रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ झाबुआ (यूपी), NIT:
करीब तीन वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आगाज होने के साथ ही इस बार पारंपरिक प्रतिद्वंदी के बीच जय आदिवासी संगठन (जयस) की दस्तक दोनों ही प्रमुख दलों के लिए आँखों की किसकिरी बन गई।
सामाजिक उत्थान के लिए बना यह संगठन कांग्रेस की बी टीम कहा जाता रहा परंतु इस चुनाव में उसकी धमाकेदार एंट्री ने भविष्य में उसके वजूद की पुख्ता गारंटी दी है।
25 जून को सम्पन्न प्रथम चरण चुनाव के अनाधिकृत परिणामों की अगर बात की जाए तो जनता ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए कई वर्षों से कुंडली मार कर बैठे दिग्गज नेताओं की हैकड़ी निकाल दी है।
कांग्रेस का गड़ कहा जाने वाला पलवाड क्षेत्र इस बार पूरी तरह से भगवा रंग में रंग गया।
यहाँ से कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा तो भाजपा के सांसद प्रतिनिधि भी अपनी सीट बचा नही पायें।
काकनवानी से विधायक वीरसिंह भूरिया के समधी रहे जनपद अध्यक्ष व जिला पंचायत अध्यक्ष शांति डामोर के ससुर को सरपंच व जनपद सदस्य पद पर बुरी तरह हर देखना पड़ी वही इनके ही परिवार से अन्य सदस्यों को भी हार देखना पड़ी हालांकि एक जिला पंचायत की एक सीट बचाने में यह कामयाब हो गए।
सीधी बात है इन्हें राजनीति में परिवारवाद का खामियाजा भुगतना पड़ा।
यही हाल कुछ हद तक ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व सरपंच रहे चैनसिंह डामोर का भी हुआ वे जनपद सदस्य तो बन गए परन्तु उनके परिवार से खड़े सरपंच के पद सीट को बचा नहि पायें।
सांसद प्रतिनिधी राजनीति के चाणक्य कहे जाने वालें भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप कटारा को भी जीत नसीब नही हुई।
हालांकि इनके प्रयासों से ही काकनवानी व मोरझरी की सीट के साथ पलवाड़ भगवामय हो गया।
ग्राम खवासा में पूर्व सरपंच रहे रमेश बारिया गंगाबाई शंकर खराड़ी से सरपंच के साथ जनपद सदस्य का चुनाव हार गए।
वही यहाँ जयस के साथ निर्दलीयों ने बाजी मारी।
थांदला के निकट ग्राम खजूरी में नगर परिषद अध्यक्ष व मण्डल अध्यक्ष रहे बंटी डामोर के भाई कैलाश भी भाजपा के 15 वर्षों से काबिज अपनी सीट बचा नही पायें व उन्हें यहाँ से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।
सबसे ज्यादा ग्राम पंचायत सेमलिया चैनपुरी के परिणाम ने चैंकाया।
यहाँ से भाजपा के दिग्गज सरपंच मुन्ना मईड़ा को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 में कांग्रेस के सोनल जसवंत भाबर ने अपनी पिछली हार का बदला लेते हुए पूर्व जिला पंचायत सदस्य व पूर्व सीसीबी चेयरमेन के भतीजे राजेश वसुनिया को बुरी तरह से पटखनी दे दी।
राजेश वसुनिया के पिता अपनी पुश्तेनी सरपंच सीट नाहरपुरा खेजड़ा बचाने में कामयाब रहे जहाँ उनके काका से ही उन्हें कड़ी टक्कर मिली थी।
वार्ड क्रमांक 9 में जयस ने एक तरफा जीत हासिल कर महिला फायर रेखा निनामा पर अपना विश्वास जताया।
ग्रामीम अंचल से प्राप्त अन्य जानकारी में बड़े जुलवानिया से जामसिंह खड़िया की 179 वोट से, नरसिंहपाड़ा से गंगाराम मुनिया सरपंच, सेमलपड़ा से पिंकी पप्पू डामोर सरपंच, ग्राम पंचायत झोसली से राजेश मेड़ा, ग्राम पंचायत छोटा जुलवानिया से 334 वोटों से परमेश भूरा मुनिया सरपंच, देवका पंचायत से रमेश भूरिया सरपंच, ग्राम उदपुरिया से 217 वोटों से भारत कटारा सरपंच, सागवा से धनजी गरवाल सरपंच, ग्राम पंचायत दौलतपुरा से शंभूसिंह मुनिया, बोरड़ी में श्रीमती रम्मू सब्बू डामोर सरपंच, चापानेर से काना गणावा सरपंच, सुजापुरा में श्रीमती गीता सोहन सिंह डामोर सरपंच, थेथम से रसूल भाबर सरपंच, भीमकुंड से लालू अमलियार सरपंच, वालाखोरी से अनील अड़, ग्राम पंचायत तलावड़ा से कमलेश गैहलोत सरपंच, सेमलिया से श्रीमती सोकली बुरूमेडा सरपंच व ग्राम काकनवानी में बाबू निनामा ने सरपंच का चुनाव जीत कर इतिहास रच दिया है।
पेटलावद ब्लॉक की अगर बात की जाए तो यहाँ भी कई उलटफेर हुए है।
इस ब्लॉक में समाजसेवी गौतम ग्रुप का जलवा बरकरार रहा है उनके सहयोग से आर एस एस पृष्ठभूमि के कृष्णपालसिंह को एक तरफा जीत हासिल हुई वही ग्राम रायपुरिया से समाजसेवी मोहनलाल पाटीदार ने पंच का चुनाव जीत लिया है।