मिट्टी हमारी मां है और मां बच्चों की परेशानियां समाप्त करती है: डाॅ. छैल बिहारी शर्मा. तीन दिवसीय प्राकृर्तिक चिकित्सा शिविर का हुआ समापन | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

मिट्टी हमारी मां है और मां बच्चों की परेशानियां समाप्त करती है: डाॅ. छैल बिहारी शर्मा. तीन दिवसीय प्राकृर्तिक चिकित्सा शिविर का हुआ समापन | New India Times

सामाजिक महासंघ झाबुआ द्वारा कंचन सेवा संस्थान उदयपुर के सहयोग से 24 से 26 जून तक आयोजित त्रि दिवसीय प्राकृर्तिक चिकित्सा शिविर का रविवार 26 जून को दोपहर 2 बजे समापन हुआ। इस शिविर में 560 रोगियों का उपचार किया गया।

कमर दर्द, मोटापा, शुगर, साईटिका, ब्लड प्रेशर, रीढ़ की हड्डी के दर्द, मोटापा, त्वचारोग, घुटनों का दर्द, थाईराईड,जैसे रोगों से रोगियों को मुक्ति मिल चुकी है. प्राकृर्तिक चिकित्सा शिविर में रोगियों को महसूस हुआ कि बगैर गोली-दवाई खाये भी शरीर को रोगों से मुक्ति कराई जा सकती है।

समापन अवसर पर कंचन सेवा संस्थान के डा. छैल बिहारी शर्मा ने कहा कि यह मिट्टी हमारी मां है और कोई भी मां अपने बच्चों को परेशानियों में देखना नही चाहती है। जो भी रोगी इस प्राकृर्तिक चिकित्सा के माध्यम सक मिट्टी का प्रयोग करता है तो उसके रोग शत प्रतिशत सही हो जाते हे। डाॅ. शर्मा ने आगे कहा कि आज हमारे शरीर के हर अंग की कीमत है, यदि हम इस चिकित्सा प्रणाली को अपना लेते हैं तो कोई भी रोगी अपने लाखों रूपये बचा सकता है.
24 से 26 जुन तक अम्बा पैलेस में आयोजित त्रि-दिवसीय मेगा प्राकृर्तिक चिकित्सा शिविर के समापन के अवसर पर मध्यप्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण तकनीकी मंत्रालय के ओएसडी पीआर विश्वकर्मा भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे तथा उन्होने ऐसे आयोजन को अनुकरणीय बताते हुए भूरी भूरी प्रसंशा की।

इस अवसर पर दैनिक प्रसारण झाबुआ, रतलाम, दाहोद के संपादक श्रेणिक कोठारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पवार ने इस शिविर में शिरकत की तथा प्राकृर्तिक चिकित्सा शिविर की सराहना की।

मिट्टी हमारी मां है और मां बच्चों की परेशानियां समाप्त करती है: डाॅ. छैल बिहारी शर्मा. तीन दिवसीय प्राकृर्तिक चिकित्सा शिविर का हुआ समापन | New India Times

ओएसडी श्री विश्वकर्मा ने कहा कि प्राकृर्तिक चिकित्सा की ओर आमजन का रूझान बढा है। ऐसे शिविरों से आमजन लाभांन्वित होता है। इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिये।
शिविर में लगातार तीन दिनों तक प्राकृर्तिक चिकित्सा करवाने वाले लोगों ने भी अपने अपने अनुभव एवं विचार साझा किये। जयेन्द्र बैरागी ने बताया कि वह निंद की वजह से हमेशा परेशान रहते थे, रात में 5-6 बार निन्द खुल जाती थी लेकिन एक ही दिन में मेरी बरसों पुरानी समस्या दूर हो गई है। समाज सेवी अन्नु भाबोर ने बताया कि प्राकृर्तिक चिकित्सा से मुझे चमत्कारिक परिणाम देखने को मिले। पहले बाहर के डाक्टरों ने ब्रेन ट्युमर व बाद में सर्वाईकल की बीमारी बता दी थी। किन्तु इस शिविर में मुझे काफी लाभ हुआ है, अब दर्द खत्म हो गया है।
कल्याणपुरा ने आई शंकुन्तला जेन ने बताया कि मुझे मोटापे व थाईराईड में काफी आराम हुआ है। वनज पहले 84 किलो था तीन दिन में 85 किलो हो गया है। पति के घुटनों में दर्द में भी आराम मिला है। राजकुमार देवल ने कहा कि गैस की समस्या से उन्हें निजात मिल गई है। इसी तरह मुकेश बैरागी, बाबुलालपाटीदार, किरण शाह, मंजुराठौर ने भी अपनी अपनी बीमारियों से राहत मिलने की बात बताई।
शिविर के समापन अववसर पर सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर नेकहा कि ऐसे प्राकृर्तिक चिकित्सा शिविरों के प्रति लोगों का विश्वास सुदृढ होता जातरा है। आगामी दो माह बाद कंचनसेवा संस्थान के सहयोग से ’’नेत्र-ज्योति बढाओ,चश्मा हटाओं’’ शिविर का आयोजन कियाजाऐगा जिसमें 8 से 18 आयुवर्ग के बच्चों के लगे हुए चश्में 7 दिवसीय शिविर में हटाने के कार्य को अंजाम दिया जावेगा।
कंचन सेवा संस्थान की ओर से डाक्टर छैल बिहारी शर्माएवं जीवनसिंह मेहता ने सामाजिक महासंघ के सभीउपस्थित सदस्यों को भगवा गमछा पहिनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत भी किया। संचालन शरत शास्त्री ने किया व आभार भेरूसिंह चौहान ने माना।
इस शिविर को सफल बनाने के लिये सामाजिक महासंघ के महासचिव एडवोकेट उमंग सक्सैना, पण्डित गणेश उपाध्याय, लाला हरिश शाह, पीडी रायपुरिया, अजयसिंहपंवार, प्रवीण सोी, विनोदजायसवाल, विनोद गुप्ता, बहादूर भाटी, अनोखीलाल जैन, संगीता भाबोर, ज्योति सोनी, बाबुलाल हाडा, कोमलसिंह राठौर, जगदीश सरतालिया, सीमा वतनानी, गंगाबाई, राधेश्याम परमार, मनोज सोनी, अब्दुल रहीम, अखिलेश सुराना, कायक््रम संयोजक डा. वैभव सुराणा, विजय मेरावत, डा. लोकेश दव्र, डा. चारूलता दवे, डा. अरविन्द दांतला,डा. लोकेन्द्रसिंह राठौर, डा.विनोद मिश्रा का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ। कंचन सेवा संस्थानल उदयपुर के स्टाफ लोकपालसिंह, हेमन्त गर्ग, राधेश्याम मैघवाल, राहूल मेघवाल, डिम्पल रॉय, रेखा गर्ग का तीन दिनों तक सेवा के लिये झाबुआ सामाजिक महासंघ ने सम्मानित भी किया।


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