मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत ख़ान खंडवा से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के बड़वानी की यह एक्सक्लूसिव स्टोरी अपने प्रबुद्ध पाठक जनों के लिए प्रस्तुत की जा रही है, जो कि जल्द ही इतिहास के पन्नों पर अंकित होने वाली है: कितनी प्रसन्नता होती है और गर्व की अनुभूति होती है जब कोई कहता है हम हज पर जा रहै हैं, पूरे जीवन की जमा पूंजी अपनी पवित्र यात्रा में खर्च करने में जो आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है, उस आध्यात्मिक शांति का तो क्या कहना। पवित्र हज यात्रा 2022 में जिन सौभाग्यशाली लोगों का चयन हुआ है वह वाकई बड़े सौभाग्यशाली हैं। वो लोग, कोरोना काल के बाद पवित्र हज यात्रा प्रारंभ हुई तो बहुत कम लोगों को पवित्र हज यात्रा पर जाने को मिला लेकिन जिन्हें अवसर प्राप्त हुआ वह वाकई किस्मत के धनी कहे जा सकते हैं। ऐसा ही एक यूनिक उदाहरण मध्यप्रदेश के बड़वानी ज़िलें से इतिहास के पन्नों पर दर्ज होने वाला है, यहां के तीन दोस्तों की खुशी का उस वक ठिकाना नही रहा जब उन्हें आपस मे पता चला कि तीनों का हज के लिये चयन हो गया है। जबकि तीनों ने एक दूसरे को बताए बगैर हज-2022 के लिये आवदेन किया था। इसे भी उस अल्लाह की असीम कृपा ही कह सकते हैं कि 30-35 साल का लंबा साथ, साथ पढ़े, साथ खेले और अल्लाह ने पवित्र हज यात्रा का भी उन्हें साथी बना दिया। बड़वानी ज़िले के रहवासी जान मोहम्मद, सलीम जिंद्रान और रियाज़ खान ने अपनी-अपनी धर्म पत्नियों के साथ पवित्र हज यात्रा पर जाने का संकल्प लिया और कोटा कम होने के बावजूद उन्हें हज पर जाने का और अल्लाह के घर की मेहमान नवाजी का सौभाग्य मिला। इतिहास में ऐसा बिरले ही होता है। क्योंकि ड्रा में कुछ लोग रुक जाते हैं कुछ सफल हो जाते हैं। बड़वानी ज़िलें के तीनों दोस्तों का एक ही साल में हज के लिये चयन भारतीय इतिहास का एक ऐतिहासिक कारनामा कहा जा सकता है। यह आश्चर्यचकित और सत्य घटना है।
जान मोहम्मद बताते हैं कि हम तीनों ने मिडिल से हायर सेकंडरी तक की पढ़ाई साथ की, हमारी गहरी मित्रता है। सभी अपने-अपने काम धंधों और रोजी रोजगार में व्यस्त होने के बावजूद भी कभी कबार समय निकालकर एक दूसरे से मेलजोल कर लेते हैं। एक दूसरे के साथ मिल बैठ बचपन की याद ताज़ा हो जाती है। इसी दरमियान पवित्र हज पर साथ जाने का हुआ तो यह खुशी दुगनी हो गई। हज यात्रा की तैयारी हम तीनों ने साथ-साथ की, घर की औरतों को भी एक-दूसरे से हिम्मत है। 6 लोगों का यह ग्रुप दीगर हाजियों के साथ 27 जून को मुम्बई से जद्दा के लिये सुबह 9.40 की फ्लाइट्स से रवाना होगा, जो इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा कि इस दोस्ती को अल्लाह ने अपने पवित्र घर के लिए भी स्वीकार किया है इसे सच्ची दोस्ती और ईश्वर की असीम कृपा ही कहा जा सकता है। हम तीनों दोस्तों की पवित्र हज यात्रा की सफलता की कामना करते हैं और इस स्टोरी की थीम अपने प्रबुद्घ पाठकों तक पहुंचाने के लिए हम ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत ख़ान का आभार व्यक्त करते हैं।